कद्दावर नेता बृजमोहन, जिन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा को भाजपा का बना दिया गढ़… !

Brijmohal Agrawal : रायपुर। सब कुछ सामान्य रहा तो महज दो माह बाद दिसंबर पहले हफ्ते में विधानसभा चुनाव 2024 के पहले-दूसरे चरण का मतदान हो सकता है। दोनों प्रमुख दल कांग्रेस- भाजपा समेत अन्य छोटे दल जुट गए हैं। रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट भाजपा का गढ़ माना जाता है। जहां से कदावर नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल लगातार चुनाव जीतते आए हैं। कांग्रेस ने प्रदेश में करीब 15 दिन पहले जब घर-घर जाकर योजनाएं बता वोट-मांगना शुरू किया तो सबसे पहले दक्षिण रायपुर विधानसभा से शुरुआत की।

दक्षिण विधानसभा सीट में आने वाले प्रमुख इलाकों में क्रमश
सुंदर नगर, रायपुरा, चांगोरा भाठा, भाठा गांव, अश्विनी नगर, पुरानी बस्ती, लाखे नगर, ब्राह्मण पारा, सदर बाजार, बैरन बाजार, कालीबाड़ी, टिकरापारा, बुढ़ापारा आदि शामिल हैं।

भाजपा के कदावर नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एक नेता है जो केवल अपनी दक्षिण सीट ही नहीं, राजधानी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में जाने जाते हैं। चुनावी राजनीति के जबरदस्त रणनीति कार है। कांग्रेसी तक उनका लोहा दबी जुबान से मानते हैं। यही वजह है कि उनके खिलाफ अच्छा दमदार प्रत्याशी खड़ा करने में प्रमुख दल कांग्रेस का पसीना छूटते रहता है। आसानी से कोई दमदार कांग्रेसी उनके विरुद्ध खड़ा नहीं होता।

पिछले पौने पांच बरस से प्रदेश के सत्ता सम्हाल रही कांग्रेस अब तक उनके खिलाफ उम्दा प्रत्याशी खड़ा (ढूंढ) नहीं कर पाई है। हालांकि दूसरे इस बार संकल्प लिया है कि भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगानी है इसलिए वहां से घर-घर कार्यक्रम शुरू की। फिलहाल ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के समक्ष 36 आवेदन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दक्षिण रायपुर विधानसभा उम्मीदवारी हेतु लगाए हैं। जिस पर विधायक बृजमोहन ने कहा है कि उनके घर (विधानसभा) में स्वागत है। पूरे 36 लोग जहां कहे वहां वे उपस्थित होकर उनका हार पहनाकर स्वागत करने को तैयार हैं। चाहे तो सभी 36 आवेदक चुनाव में खड़े हो जाये। इस बयान की प्रतिक्रिया कांग्रेस की ओर से अब तक नहीं आई है। हालांकि 36 आवेदकों में निगम सभापति प्रमोद दुबे, महापौर एजाज ढेबर, पूर्व उम्मीदवार कन्हैया अग्रवाल, विकास तिवारी आदि शामिल हैं।

लगातार रायपुर दक्षिण से चुनाव जीतते आ रहे। बृजमोहन अग्रवाल को इस बार भी टिकट मिलने की पूरी संभावना है। उनकी खासियत है कि उनके क्षेत्र का कोई मतदाता छोटा-मोटा कार्यक्रम करता है या उसके घर पर कोई पारिवारिक कार्यक्रम होता है। या समस्या होती है तो खबर लगते ही वे दिन में ही नहीं देर रात भी पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं ज्यादातर मतदाता या मतदाता परिवार को वे चेहरे से पहचान जाते हैं। क्षेत्र या दीगर (अन्य) इलाका का भी मतदाता अगर उनके घर अपनी व्यक्तिगत समस्या मसलन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह, इलाज आदि संदर्भ में जाता है, तो खाली हाथ नहीं लौटता। बृजमोहन अग्रवाल ने पार्टी नीति, सिद्धांतों, आरएसएस के सिपाही होने का धर्म बखूबी निभाया है तो वही उनकी अपनी कार्यशैली, निजी सिद्धांत, मिलनसार लोगों के प्रति सदभावना आदि ने उन्हें लोकप्रिय एवं कदावर नेता बनाया है।

(लेखक डॉ. विजय )

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