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दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र : भाजपा -कांग्रेस का धुंआधार जनसंपर्क, प्रचार-सरफरोशी की तमन्ना …. देखना है जोर कितना बाजुए …!

दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र :

दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र :

दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र : दोनों प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क कर रहें।

दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर इस बार भी कांग्रेस की नजर है दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र तो वहीं भाजपा की भी वैसे कांग्रेस की हर बार यहां नजर रही है। पर भाजपा प्रायः हर बार बेधड़क चुनाव लड़ती रही- निश्चित रहती रही। इस बार महंत को कांग्रेस ने सामने कर दिया है। लिहाजा भाजपा को भी थोड़ा अलर्ट होना पड़ा है।

दक्षिण रायपुर विधानसभा में तीन जातियों की जनसंख्या अधिक है। जो प्रभावशील मानी जाती रही है। पहला साहू 22 हजार, दूसरा मुस्लिम 21हजार, एवं तीसरा ब्राह्मण 20 हजार हैं। कुल वोटर 2 लाख 59 हजार 948 हैं। उपरोक्त तीनों समुदाय अपना महत्व रखते हैं। पिछले 7 विधानसभा चुनाव में बृजमोहन यहां से जीतते रहे हैं। उन्हें अच्छा खासा वोट तीनों वर्ग से मिलते रहा है। उनकी पैठ मजबूत है। इसलिए यह भाजपा का अमोघ किला बना हुआ है। अब रामसुंदर दास महंत कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पहली बार रायपुर के किसी विधानसभा यानी दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं। हकीकत तो यह है कि उन्हें बिना मांगे- बिना चाहे यहां की सीट दी गई है। नए इलाके में वे अपने साथी कार्यकर्ताओं, कांग्रेस पदाधिकारियों समेत पामगढ़, जैजेपुर क्षेत्र के साधु-संतों के साथ चुनाव प्रचार- प्रसार कर रहे हैं। जबकि बृजमोहन पार्टी कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों एवं पारिवारिक सदस्यों के साथ।

दोनों प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क में है। बताया जा रहा है तकरीबन 26 -27 हजार नए वोटर जुड़े हैं। जो किधर रुख करते हैं – उसका पता लगाना आसान है। जिसके पालक अभिभावक जिस पार्टी को सपोर्ट करते हैं। समर्थन देते हैं, प्राय 95 प्रतिशत नए मतदाता उन्हें ही वोट करते हैं। यानी नए मतदाता माता-पिता के कहे अनुसार वोट डालते हैं। उन्हें बस इसकी खुशी रहती है कि मताधिकार मिल गया। पर किसे दे इसकी समझ उन्हें पालक देते हैं। और बाहर से आने वाले नए मतदाता को, मकान मालिक, पार्टी कार्यकर्ता, या पूर्व में जिस पार्टी को समर्थन देते थे। उसके प्रत्याशी को यहां समर्थन देंगे। खैर जो हो दोनों प्रत्याशी जोर-शोर से सुबह से शाम तक जुटे हुए हैं। दोनों दावे कर रहे हैं।

(लेखक डॉ. विजय )

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