PCC अध्यक्ष बैज को लेकर BJP का ट्वीट चर्चा में, पादरी की वेशभूषा में लगाई बैज की तस्वीर

DEEPAK BAIJ TWIT

रायपुर। ट्विटर पर छत्तीसगढ़ भाजपा के अधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को लेकर किये गए एक पोस्ट को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा और आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है। इस पोस्ट में बैज को एक ईसाई पादरी के परिधान में खड़ा किया गया है और उनके गले पर क्रॉस टंगा है।

भाजपा के इस ट्वीट पर फोटो के साथ टिप्पणी की गई है कि “मन में धर्मांतरण का विष घुला है, इसलिए अध्यक्ष पद का इनाम मिला है। सावधान, छत्तीसगढ़ में आस्था पर खतरे बड़े होते जा रहे हैं। विकल्प एक….. भाजपा।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी पिछले कुछ वर्षों से बस्तर में धर्मांतरण के मुद्दे को बार-बार उठा रही है। इस बीच कई जगह शवों को दफनाने के नाम पर हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। नारायणपुर में जनवरी माह में एक चर्च पर हमला भी हुआ, जिसमें भाजपा के कई पदाधिकारी गिरफ्तार भी हुए थे। इस घटना में नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार को भी चोट आई थी।

इधर कांग्रेस सरकार धर्मांतरण के आरोपों से लगातार इंकार कर रही है। बस्तर के मंत्री कवासी लखमा ने तो चुनौती भी दी है कि धर्मांतरण का एक भी मामला सामने लाएं तो वे इस्तीफा दे देंगे।‌ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई बार दावा किया है कि बस्तर में ‌सर्वाधिक चर्च भाजपा शासन काल के दौरान बने।

कांग्रेस नेताओं ने की ट्वीट की आलोचना

भाजपा के इस ट्वीट पर काफी प्रतिक्रियाएं आई हैं। काफी लोगों ने इसकी निंदा भी की है। एक जवाब में कहा गया है कि पहले आप (भाजपा) ने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को हटाया और अब आप कांग्रेस के आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष के बारे में भ्रांति फैला रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुशिल आनंद अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि “डरपोक भाजपाई अब इस निचले स्तर पर उतर आये हैं, भाजपा की इस घिनौनी हरकत की हम निंदा करते हैं।” कांग्रेस के सोशल मीडिया पेज से भी इस ट्वीट के जवाब में भाजपा पर निशाना साधा गया है। कांग्रेस के एक और प्रवक्ता धनंजय सिंह ने लिखा है “ये भाजपा है, जब-जब चुनाव आएंगे ये हमारी आस्था धर्म खतरा बताकर डराएंगे और राजनीति रोटी सकेंगे।

एक अन्य प्रतिक्रिया में कहा गया है कि भाजपा के पास धर्म के नाम पर चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 15 साल से कोई उपलब्धि नहीं रही, आज झूठे मुद्दों पर जनता को बरगलाने का काम करना पड़ रहा है। एक अन्य जवाब में कहा गया है कि आदिवासी समाज की अस्मिता के खिलाफ काम करने वाली भाजपा कभी भी प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर पाएगी।

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