Bilaspur News: बिलासपुर के खूंटाघाट और रतनपुर में डायरिया का कहर, 34 नए मरीज मिले

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Bilaspur News: बिलासपुर जिले में एक सप्ताह में 200 से ज्यादा मरीज मिले, 30 से ज्यादा मरीज सिम्स में भर्ती है बिलासपुर जिले के रतनपुर, कोटा, बिल्हा अंतर्गत डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांवों में डायरिया के मरीज मिले हैं।

Bilaspur News रायपुर। बिलासपुर जिले में एक सप्ताह में 200 से ज्यादा मरीज मिले, 30 से ज्यादा मरीज सिम्स में भर्ती है बिलासपुर जिले के रतनपुर, कोटा, बिल्हा अंतर्गत डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांवों में डायरिया के मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर सर्वे कर मरीजों की पहचान करने और दवाइयां बांटने की जिम्मेदारी निभा रही है। शुक्रवार को ग्राम खूंटाघाट में एक दर्जन से अधिक ग्रामीण डायरिया के शिकार हो गए। रतनपुर में भी इतने ही मरीज मिले हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों को मिलाकर शुक्रवार को डायरिया के 34 नए मरीज की पहचान की गई है।

डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में डायरिया के मरीज मिल चुके हैं

जिले में एक सप्ताह में 200 से अधिक मरीज हो चुके हैं। 30 से अधिक मरीज सिम्स में भर्ती हैं। जिले के रतनपुर, कोटा, बिल्हा अंतर्गत डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में डायरिया के मरीज मिल चुके हैं और उन्हें ढूंढने का सिलसिला जारी है। नियंत्रण के सभी प्रयास विफल हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण दूषित पानी का सेवन बताया जा रहा है। कई स्थानों पर पानी की जांच में डायरिया के कीटाणु मिले हैं।

स्वास्थ्य विभाग डोर टू डोर सर्वे की जिम्मेदारी निभा रहा है

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच शिविर लगाकर मरीजों की पहचान कर रही है। साथ ही मरीज मिलने पर उपचार किया जा रहा है। इसी तरह दूसरी टीम को डोर टू डोर सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है। जो घरों में जाकर मरीजों की पहचान कर दवाइयां बांट रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभात श्रीवास्तव का कहना है कि प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य टीम तैनात हैं, जल्द ही इस बीमारी पर काबू पा लिया जाएगा।बाक्स 12 स्थानों से लिए गए पानी के सैंपल रतनपुर और खूंटाघाट के अलग-अलग क्षेत्रों से पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं। कुल 12 स्थानों से पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजे गए हैं।

लीकेज भी एक समस्या

मालूम हो कि रतनपुर क्षेत्र में भी पानी सप्लाई की पाइपलाइन पुरानी हो चुकी है। लीकेज भी एक समस्या है। इसी तरह यहां के कई बोर का पानी भी दूषित हो गया है। बीते साल की जांच में रतनपुर के 12 बोर का पानी अमानक पाया गया था। इन्हें बंद करने कहा गया था, लेकिन आज भी ये बोर चल रहे हैं और इसी के पानी का उपयोग किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने सावधानी बरतने की अपील की है

ऐसे बरतें सावधानी सिम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. पंकज टेम्भुर्णीकर का कहना है कि बारिश का मौसम डायरिया और अन्य तरह की जल जनित बीमारियों के लिए संवेदनशील होता है। ऐसे में लोग डायरिया से पीड़ित हो जाते हैं। इससे बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि उबला हुआ पानी पिएं और बासी खाना न खाएं। खुद और अपने घर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और उल्टी या दस्त होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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