Bilaspur High Court: तीन नगरीय निकायों में वार्डों के परिसीमन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Bilaspur High Court:

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव नगर निगम, बेमेतरा, कुम्हारी और तखतपुर नगर पालिका में परिसीमन पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

Bilaspur High Court रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में राज्य के नगरीय निकायों के वार्डों के परिसीमन पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। राज्य के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति आमंत्रित करने का काम किया जा रहा था। इस आदेश के बाद पूरी प्रक्रिया रुक गई है।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव नगर निगम, बेमेतरा, कुम्हारी और तखतपुर नगर पालिका में परिसीमन पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट में परिसीमन के खिलाफ तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसके बाद जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने स्थगन आदेश दिया है।

राजनादगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका और बेमेतरा नगर पंचायत में वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई थी। तीनों याचिकाओं की प्रकृति एक जैसी थी, इसलिए हाईकोर्ट ने तीनों याचिकाओं को एक साथ मिलाकर एक साथ सुनवाई शुरू कर दी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर के स्थानीय निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जारी आदेश में 2011 की जनगणना को आधार बनाया है। परिसीमन का काम इसी आधार पर करने को कहा गया है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कहा कि वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार पिछली जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने परिपत्र में भी पिछली जनगणना को ही परिसीमन का आधार माना है। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 2014 और 2019 में भी परिसीमन का कार्य 2011 की जनगणना के आधार पर ही किया था। जब आधार वही है तो इस बार परिसीमन का कार्य क्यों किया जा रहा है।

राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया जा रहा परिसीमन

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि राज्य में नई सरकार बनी है। नगर निगम चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए परिसीमन किया जा रहा है। साथ ही कहा गया कि परिसीमन वर्ष 2018 में क्षेत्र परिवर्तन के आधार पर किया गया है। नियमानुसार क्षेत्र बदलने के आधार पर परिसीमन किया जा सकता है। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हो रहा है।

अधिवक्ता अमृतदास ने कोर्ट को बताया कि पांच साल में किसी भी निकाय का परिसीमन करना जरूरी नहीं है। नगरीय निकाय का क्षेत्र बदलने के नाम पर राज्य सरकार ने दो बार परिसीमन किया था। लेकिन, पांच साल बाद फिर से परिसीमन के लिए अधिसूचना जारी कर दावा आपत्ति आमंत्रित की गई है, जो अवैधानिक है। जनगणना के साथ ही परिसीमन के लिए वार्ड क्षेत्रों में बदलाव भी जरूरी है।

वार्ड बदलने से होगी ये समस्या

परिसीमन का खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ेगा। परिसीमन के बाद उनकी राशन दुकान का क्षेत्र बदल जाएगा। वार्ड बदलने से पता भी बदल जाएगा। जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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