Bihar Election Result: आखिर कैसे फेल हो गई तेजस्वी की स्ट्रैटजी? 5 पॉइंट में समझें कहां हो गई चूक
Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन बड़ी हार की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तेजस्वी यादव की स्ट्रैटजी को लेकर उठ रहा है। आइये जानते हैं कि इस बार के चुनाव में तेजस्वी यादव से कहां पर चूक हो गई।
Bihar Election Result: पटना: बिहार में दो चरणों के तहत विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया। इसके साथ ही आज 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से ही मतों की गणना जारी है। सुबह से ही एनडीए लगातार बढ़त बनाए हुए है। वहीं महागठबंधन को इस बार चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। चुनाव के पहले से ही विपक्ष के सबसे बड़े नेता और सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव लगातार बड़े वादे कर रहे थे। तेजस्वी यादव के नौकरी से लेकर महिलाओं के खाते में रुपये भेजने के तमाम दावे धरे के धरे रह गए। ऐसे में तेजस्वी यादव की स्ट्रैटजी कहां फेल हो गई, इसे लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
कहां फेल हुई तेजस्वी की स्ट्रैटजी
तेजस्वी यादव की स्ट्रैटजी फेल होने को लेकर तरह-तरह की बातें कहीं जा रही हैं। ऐसे में हम उन पांच मुख्य मुद्दों के बारे में जानेंगे, जिन्हें तेजस्वी के लिए सबसे बड़ा फेलियर माना जा रहा है। तेजस्वी की हार के पांच पॉइंटर कुछ प्रकार हैं-
1. कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया
तेजस्वी ने कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल कर एक बड़ी गलती की। कांग्रेस बिहार में कमजोर आधार वाली पार्टी है। इसके बजाय कांग्रेस ने कई सीटों पर आरजेडी के परंपरागत वोटरों को ही काट लिया। सीट शेयरिंग में कांग्रेस को सीटें देना भी RJD को महंगा पड़ा, क्योंकि ज्यादातर सीटों पर वह हार रही है। यह गठबंधन सिर्फ नाम का रहा, फायदा किसी को नहीं हुआ।
2. सीटों के बंटवारे को लेकर राहुल गांधी के पीछ दौड़ते रहे
तेजस्वी ने सीट बंटवारे में कांग्रेस के नेतृत्व को खुश करने में बहुत समय गंवाया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मंजूरी के लिए महीनों इंतजार करते रहे। इस दौरान जमीनी तैयारी छूट गई। कई मजबूत सीटें कांग्रेस को दे दी गईं, जहां आरजेडी के दिग्गज उम्मीदवार भी लड़ सकते थे। नतीजतन आरजेडी का अपना संगठन कमजोर पड़ा और गठबंधन में असंतोष बढ़ा।
3. मुकेश सहनी के आगे झुकते रहे, डिप्टी सीएम के पद पर भी राजी हो गए
मुकेश सहनी की VIP पार्टी को 10 से ज्यादा सीटें दी गईं और डिप्टी सीएम का पद भी ऑफर कर दिया गया। लेकिन सहनी का प्रभाव सिर्फ निषाद बहुल कुछ इलाकों तक सीमित है। तेजस्वी ने छोटे सहयोगी को इतना महत्व देकर अपने कोर वोट बैंक (यादव-मुस्लिम) को नाराज कर लिया।
4. वास्तविक मुद्दे को छोड़कर वोट चोरी जैसे मुद्दे पर भटक गए
तेजस्वी ने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे असली मुद्दों को पीछे छोड़कर ‘वोट चोरी’, ‘ईवीएम हैकिंग’ जैसे आरोपों पर फोकस किया। इससे जनता का ध्यान बंट गया और एनडीए ने इसे प्रचारित कर कहा कि “आरजेडी हार स्वीकार कर चुकी है”।
5. महिलाओं की बंपर वोटिंग ने बिगाड़ा RJD का खेल
इस चुनाव में महिलाओं ने रिकॉर्ड संख्या में वोट डाला। नीतीश कुमार की शराबबंदी, साइकिल योजना, महिला आरक्षण जैसी योजनाओं का सीधा फायदा जदयू-बीजेपी को मिला। आरजेडी की ’10 लाख नौकरी’ वाली बात महिलाओं तक नहीं पहुंच पाई। ग्रामीण महिलाओं ने सुरक्षा और योजनाओं के नाम पर एनडीए को वोट दिया।
बिहार में मतगणना आज
बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को तो दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को हुआ। दोनों चरणों में मतदान प्रतिशत 67.13% रहा, जो 1951 के बाद से अब तक का सर्वोच्च स्तर है। कुल मिलाकर देखा जाए तो बिहार की जनता ने छप्पर फाड़ कर मतदान किया। इसके अलावा आज नतीजों का दिन है और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार में अगली सरकार किसकी बनने वाली है। हालांकि यह भी थोड़ी ही देर में तय हो जाएगा।

