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सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता: 5 IED और वायरलेस सेट बरामद, श्रीनगर-जम्मू जेल की बढ़ाई सुरक्षा

Jammu and Kashmir

Kashmir Pahalgam Attack: सुरक्षा बलों को सोमवार (5 मई) को बड़ी सफलता मिली। जवानों को पुंछ में आतंकी ठिकाना मिला है। ठिकाने से 5 IED, वायरलेस सेट बरामद किए हैं। बरामदगी के बाद जम्मू की जेलों पर हमले का अलर्ट है।

Kashmir Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना एक्शन में है। आतंकवादियों की तलाश में जम्मू-कश्मीर के जंगलों में सर्च ऑपरेशन जारी है। सिक्योरिटी फोर्सेस को सोमवार (5 मई) को बड़ी सफलता मिली। सुरक्षा बलों को पुंछ के मारहोट गांव में आतंकी ठिकाना मिला है। जवानों ने ठिकाने से 5 IED, वायरलेस सेट और कुछ कपड़े भी बरामद किए हैं। सुरक्षा बलों का कहना है कि यह आतंकियों के छिपने की जगह है।

 

जम्मू की जेलों पर हमले का अलर्ट 
विस्फोटक सामान बरामद होने के बाद श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू की कोट बलवाल जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, जेलों में आतंकी हमला हो सकता है। इन जेलों में कई हाई प्रोफाइल आतंकी और ओजीडब्ल्यू कैद हैं।  इंटेलिजेंस अलर्ट के बाद यह कदम उठाया गया है।

हमले के बाद से एक्शन में सेना 
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद से ही सेना एक्शन में है। जंगलों में सर्च ऑपेरशन चल रहा है। सुरक्षा बलों ने बिजबेहरा में आदिल गोजरी, त्राल में आसिफ शेख,  पुलवामा में अहसान शेख, शोपियां में शाहिद कुट्टे, कुलगाम में जाकिर अहमद गनई और पुलवामा में हारिस अहमद सहित कई आतंकियों ने घर को ध्वस्त किए। सोमवार को सेना को आतंकियों का बड़ा ठिकाना मिला है।

NIA ने निसार और मुश्ताक से की पूछताछ 
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही है। NIA को अब तक की जांच में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, खुफिया एजेंसी ISI और PAK सेना की मिलीभगत के सबूत मिले हैं। तीनों की मदद से आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या की थी। NIA ने लश्कर के ओवर ग्राउंड वर्कर्स निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन से जम्मू की कोट बिलावल जेल में पूछताछ की।

2023 में दोनों को पकड़ा था
बता दें कि निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन 2023 में डांगरी में हुए आतंकी हमले में गिरफ्तार किए गए थे। दोनों पहलगाम हमले के संदिग्ध हैं। इस हमले में भी उन्होंने आतंकियों की मदद की थी। शक है कि पहलगाम अटैक में भी दोनों ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने आतंकवादियों की मदद की थी।

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