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भारतीय डाक में 1 सितंबर से बड़ा बदलाव, इतिहास बन जाएगा Indian Post

नई दिल्ली: कभी पोस्टमैन की साइकिल की घंटी सुनते ही दिल धड़कने लगता था। लाल डाक बॉक्स में चिट्ठी डालने का उत्साह, रजिस्टर्ड पोस्ट की रसीद पकड़ने की खुशी ये वो पल थे, जो रिश्तों को जोड़ते थे। लेकिन अब यह सब इतिहास बनने जा रहा है। भारत डाक ने ऐलान किया है कि 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा बंद हो जाएगी और इसे स्पीड पोस्ट में मिला दिया जाएगा। अब 50 साल पुराने युग का अंत होने जा रहा है। यह खबर सिर्फ एक सेवा के खत्म होने की नहीं, बल्कि एक ऐसे दौर की विदाई है, जिसने चिट्ठियों के जरिए लाखों दिलों को जोड़ा है।

रजिस्टर्ड पोस्ट: वो भरोसा, वो अपनापन
रजिस्टर्ड पोस्ट सिर्फ एक डाक सेवा नहीं थी, यह भरोसे का दूसरा नाम थी। चाहे दूर बैठे रिश्तेदार को पत्र भेजना हो या जरूरी दस्तावेज, रजिस्टर्ड पोस्ट हर चिट्ठी को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाती थी। स्याही से लिखे पत्र, रंग-बिरंगे डाक टिकटों वाले लिफाफे, और डाकघर की वो लंबी कतारें ये सब उस जमाने की कहानी बयां करते हैं, जब लोग चिट्ठी के जवाब का इंतजार बेसब्री से करते थे। यह सेवा सिर्फ संदेशवाहक नहीं थी, बल्कि रिश्तों की डोर को मजबूत करने का जरिया थी।

क्यों हो रहा है यह बदलाव?
आज का दौर डिजिटल है। मोबाइल, ईमेल, और व्हाट्सएप ने चिट्ठियों की जगह ले ली है। लोग अब तेज और ट्रैक करने वाली सेवा चाहते हैं। भारतीय डाक का कहना है कि स्पीड पोस्ट न केवल तेज है, बल्कि इसमें आधुनिक ट्रैकिंग सुविधा भी है, जो समय की जरूरतों को पूरा करती है। इस बदलाव से डाक विभाग का मकसद अपनी सेवाओं को और बेहतर करना और आर्थिक रूप से मजबूत होना भी है।

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