सरस्वती और कान्ह नदी में दूषित पानी छोड़ने वाली उद्योगों बड़ी कार्रवाई, 3 उद्योग सील

इंदौर। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सरस्वती नदी और कान्ह नदी में दूषित पानी छोड़ने वाली उद्योगों पर कार्रवाई की है। मामला सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र का है। क्षेत्र के 175 उद्योगों की जांच की गई थी, जिसमें 34 उद्योगों में दूषित पानी साफ करने के ईटीपी (इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) बंद मिले। इस पर इन्हें नोटिस दिया गया है। ऐसे ही मामले में पालदा क्षेत्र के 3 उद्योगों को सील कर दिया है।
प्लांट बंद होने से उद्योगों द्वारा दूषित पानी चोरी-छिपे टैंकरों से कान्ह नदी में छोड़ने की बात सामने आई है। क्षेत्रीय निदेशक एसएन द्विवेदी ने बताया जिन्हें नोटिस दिया है, उन्होंने 7 दिन में इंतजाम नहीं किए तो इन्हें भी सील किया जाएगा। क्षेत्र के कुछ उद्योगों द्वारा दूषित पानी टैंकरों से नगर निगम के ईटीपी नहीं भेजने से जुड़ी शिकायतें भी मिली हैं, उसकी भी मॉनिटरिंग की जा रही है, जल्द ही उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
8 साल में हजार करोड़ से ज्यादा नदी की सफाई पर खर्च
मालूम हो, शहर की कान्ह और सरस्वती नदी को शुद्ध करने को लेकर केंद्र सरकार, नगर निगम और जिला प्रशासन 8 साल में करीब एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं, लेकिन सुधार हुआ नहीं है। अभी भी कान्ह के अधिकांश हिस्से में गंदा पानी बह रहा है। नगर निगम नदियों पर अलग-अलग स्थान पर 10 एसटीपी और एक ईटीपी लगवा चुका है।