Bhadli Navami 2024: भड़ली नवमी को अक्षय तृतीया की तरह माना जाता है शुभ, जानें इसका महत्व बिना मुहूर्त के भी किए जाते हैं शुभ कार्य

Bhadli Navami 2024: भड़ल्या नवमी का विशेष महत्व है, इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। दरअसल, इस दिन सभी शुभ और मांगलिक कार्य बिना किसी शुभ मुहूर्त या ज्योतिषी की सलाह के किए जा सकते हैं।
Bhadli Navami 2024 रायपुर। हिंदू पंचांग के अनुसार 15 जुलाई 2024 को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का आखिरी दिन है। आषाढ़ शुक्ल नवमी को भड़ली नवमी कहते हैं। इसे भड़ल्या नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, जिसमें आप बिना मुहूर्त देखे सभी तरह के शुभ काम कर सकते हैं।
गुप्त नवरात्रि के नौवें दिन किए गए तंत्र-मंत्र या उपाय विशेष रूप से शुभ फलदायी होते
गुप्त नवरात्रि के नौवें दिन किए गए तंत्र-मंत्र या उपाय विशेष रूप से शुभ फलदायी होते हैं। हिंदू धर्म में भड़ल्या नवमी का विशेष महत्व है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। दरअसल, इस दिन सभी शुभ और मांगलिक कार्य बिना किसी शुभ मुहूर्त या ज्योतिषी की सलाह के किए जा सकते हैं। तो आइए जानते हैं भड़ल्या नवमी के धार्मिक महत्व के बारे में।
भड़ली नवमी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व
क्योंकि इस दिन बनने वाले योग इस तिथि के महत्व को और बढ़ा रहे हैं। आपको बता दें कि भड़ली नवमी पर रवि योग, सिद्ध योग, करण योग और शिववास योग रहेगा। साथ ही इस दिन स्वाति नक्षत्र भी रहेगा। गुप्त नवरात्रि का नवमी पूजन किया जाएगा और 2 दिन बाद यानी 17 जुलाई 2024 देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। देवशयनी एकादशी से पहले भड़ली नवमी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व है।
अबूझ शुभ मुहूर्त होता है
भड़ली नवमी स्वयंसिद्ध तिथि है और इस दिन अबूझ शुभ मुहूर्त होता है। इसलिए आप विवाह से लेकर गृह प्रवेश, मुंडन, कर्ण छेदन, भूमि पूजन आदि कई काम बिना किसी ज्योतिषी या पंडित से पूछे कर सकते हैं। इतना ही नहीं, मान्यता है कि इस तिथि पर किए गए काम भी शुभ फल देते हैं। इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया की तरह ही शुभ माना जाता है। यही वजह है कि हिंदू धर्म में भड़ली नवमी का महत्व और भी बढ़ जाता है।