किस वजह से पिछली बार MP में नहीं बन पाई थी सरकार.? भाजपा के इस बड़े नेता ने बताई ये वजह…

इंदौर। साल के आखिर में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान पिछले विधानसभा चुनाव पर विश्लेषण भी सामने आ रहा है। पिछली बार हुए विधानसभआ चुनावों में एमपी में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इस हार का कारण बताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी अति आत्मविश्वास के कारण मध्यप्रदेश में सरकार बनाने से चूक गई थी, लेकिन इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी में अब यह भाव नहीं है।
विजयवर्गीय ने किया ये दावा
विजयवर्गीय ने यह दावा भी किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा 230 में से 160 से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में बरकरार रहेगी। उन्होंने अपने गृह नगर इंदौर में कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि पिछली बार (2018 के विधानसभा चुनावों में) हमसे चूक हुई थी और हम अति आत्मविश्वास में थे। इस बार हममें अति आत्मविश्वास कतई नहीं है। उन्होंने बिजली उत्पादन, बुनियादी ढांचा और अन्य क्षेत्रों में प्रदेश की भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि मैं गारंटी से बोल रहा हूं कि आगामी विधानसभा चुनावों में हम 160 से ज्यादा सीटें जीतेंगे।
आपसी कलह से किया इनकार
भाजपा महासचिव ने प्रदेश में पार्टी नेताओं के बीच आपसी कलह से साफ इनकार करते हुए कहा कि क्या आपको यहां बैठे लोगों में कोई कलह नजर आ रहा है? प्रत्यक्ष को प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं होती। भाजपा महासचिव ने कहा कि पिछले दिनों बोगस सर्वेक्षण दिखा-दिखाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई, लेकिन शाह के रविवार के दौरे से पूरे प्रदेश में ऐसा संदेश जाएगा कि किसी भी व्यक्ति के मन में चुनाव परिणामों के बारे में कोई भ्रम नहीं रहेगा।
चौथी बार बने राष्ट्रीय महासचिव
विजयवर्गीय को लगातार चौथी बार भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। 67 वर्षीय नेता ने कहा कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा को फोन करके धन्यवाद दिया क्योंकि राष्ट्रीय महासचिव पद पर पहुंचना पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता के लिए सम्मान की बात है। विजयवर्गीय ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से फोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए मजाक में कहा कि नड्डा ने मुझसे कहा कि वह मुझे बनाना तो कुछ और चाहते थे, लेकिन फिलहाल ठीक है कि मैं महासचिव तो बना रहूं।