BIG NEWS : बैंक एजेंटों ने ही फर्जी लोगों के नाम लोन दिलाकर लगाया 4 करोड़ से अधिक का चूना, FIR के बाद अब आरोपियों की होगी तलाश

रायपुर। बैंकों द्वारा जरूरतमंदों को ऋण दिलाने के नाम पर रखे गए एजेंट ही अगर धोखाधड़ी करने लगे तो बैंक को लुटने से कौन बचाएगा ? यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कोटक महिंद्रा बैंक के उन एजेंटों की वजह से जिन्होंने लोन दिलाने के नाम पर बैंक को 4 करोड़ रूपये से भी अधिक का चूना लगा दिया। यह बैंक राजधानी रायपुर के सरस्वती नगर थाना क्षेत्र के जीई रोड स्थित सिटी प्लाजा बिल्डिंग में संचालित है। बैंक के डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट रहे व्यक्ति ने एक अन्य अधिकारी के साथ मिलकर चार माह के दरम्यान यह धोखाधड़ी की है।
न्यायलय के आदेश पर किया गया FIR
यह मामला सन 2022 का है, जिसके संबंध में कार्रवाई के लिए न्यायालय द्वारा आदेश जारी किये जाने के बाद सरस्वती नगर थाने में FIR दर्ज किया गया है। दर्ज शिकायत के मुताबिक जीई रोड स्थित सिटी प्लाजा बिल्डिंग में संचालित कोटक महेंद्रा बैंक में अगस्त-22 से नवंबर-22 के दौरान अनिल सिंह भदौरिया डायरेक्टर मार्केटिंग के पद पर कार्यरत था। वह और उसके अधीनस्थ दिलीप सिंह ने पिछले वर्ष अगस्त से नवंबर तक आपस में मिलकर 15 अन्य लोगों को अधिक लाभ कमाने का लालच दिया और उनके नाम से फर्जी लोन पेपर तैयार किया। इनके जरिए लोन मंजूर कराया। 31 मार्च को वित्तीय वर्ष खत्म होने पर जब बैंक ने हिसाब किताब का मिलान किया तब जाकर इसका खुलासा हुआ। बैंक मैनेजर राजेश राठौर ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई । पुलिस ने धारा 420, 409,34 का अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
एजेंटों और सभी ऋणियों पर केस दर्ज
आवेदक बैंक के अधिकृत डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट अनिल सिंह भदौरिया और आपरेशन टीम के रिलेशनशिप मैनेजर दिलीप सिंह के द्वारा बैंक स्वामित्व की बंधक कृत वाहनों को फर्जी एवं कूटरचित होना जानते हुये क्षतिग्रस्त कर अमानत में खयानत करते हुए आवेदक बैंक के साथ छल एवं धोखाधड़ी का दंडनीय अपराध किया है। अतः कोटेक महिन्द्रा बैंक के दोनो कर्मचारी 1. अनिल सिंह भदौरिया, 2. दिलीप सिंह के विरूध्द अपराध धारा 409, 420 भादवि तथा लोनी व्यक्तियों 1. सोनू देवांगन, 2.सुधीर गुप्ता, 3. अबान अहमद खान 4.भागवत प्रसाद यादव, 5. मोहम्मद परवेज खान 6.सुमित दुबे, 7.अमित कुमार सिन्हा, 8.नीरज राजपूत, 9.रविकांत साहू, 10.रमेश कुमार साहू, 11.आरिफ रहमान सिद़दीकी 12.इरफान काजी, 13.अयान काजी, 14 शहाबुद़दीन अहमद काजी एवं 15.अब्दुल हसीद के विरूध्द धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया।
सेकंड हैंड ट्रकों के नाम पर लिया लोन
धोखाधड़ी के इस मामले में डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट अनिल सिंह भदौरिया और आपरेशन टीम के रिलेशनशिप मैनेजर दिलीप सिंह के जरिये कोटक महिन्द्रा बैंक के द्वारा कुल 14 ऋणी व्यक्तियों की डिमांड पर 15 सैकेण्ड हैण्ड ट्रक वाहन को उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजो के आर.सी., इंश्योरेंस आदि का प्रथम दृष्टतया सत्यता के आधार पर आवेदक बैंक में बंधककृत कर कुल राशि 2,79,09,744/- अक्षरी दो करोड उन्यासी लाख नौ हजार सात सौ चवालिस रूपये का बंधक ऋण माह अगस्त 2022 से माह नवंबर2022 के मध्य नियम एवं शर्तो के अधीन प्रदाय किया गया था।
सभी के पते गलत निकले
कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा 14 ऋणियों के द्वारा ऋण की राशि लगातार अदा नही किये जाने पर बैंक के द्वारा सभी 14 लोनी व्यक्तियों को दिनांक 05.01.2023 को एक बकाया नोटिस प्रेषित किया था जिसका कोई जवाब नही देने पर एवं बैंक को संदेह होने पर उपरोक्त सभी ऋणी व्यक्तियों को बंधककृत वाहनों का भौतिक सत्यापन निरीक्षण कराये जाने की नोटिस प्रेषित किया गया, इसके बाद भी कोई ऋणी बैंक के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और न ही नोटिस का जवाब प्रेषित किया। जिसमें संदेह और अधिक बढ़ने पर ऋणी व्यक्तियों का उनके दिये पते पर पत्तासाजी करने पर वे नहीं मिले और वहां रहने वालों के द्वारा बताया गया कि वे लोग दिये गये पते को छोड़कर अन्यत्र राज्य चले गये हैं।
बैंक के द्वारा उपरोक्त सभी ऋणी व्यक्तियों का आंतरिक जांच (सी.बी.आर.सी.यू. इन्वेस्टीगेशन) कराये जाने पर ज्ञात हुआ कि बैंक के अधिकृत डायरेक्ट मार्केटिंग एजेन्ट अनिल सिंह भदौरिया और आपरेशन टीम के रिलेशनशिप मैनेजर दिलीप सिंह के द्वारा आपस में मिलकर षडयंत्रपूर्वक स्वत: के फायदे के लिए उपरोक्त 14 ऋणी व्यक्तियों से सांठगांठ कर उन्हे लाभ पहुंचाये जाने की मंशा से प्रत्येक ऋणी व्यक्तियों का फर्जी जमानदार का दस्तावेज एवं अन्य लोन प्रपत्र कूटरचित तैयार कर फर्जी लोन छल एवं धोखाधडी पूर्वक सैंक्शन कर लाभ पहुंचाया गया है।
जांच में वाहन भी मिले फर्जी
बैंक ने जांच में यह भी पाया कि लोन के वास्ते ऋणियों के द्वारा बंधककृत सेकण्ड हैण्ड वाहन भी फर्जी एवं कूटरचित वाहन हैं, जिनके चेसीस नंबर, इंजन नंबर आदि कूटरचित कर छत्तीसगढ़ में पंजीकृत कराये गये है। इस तरह ऋण के लिए बंधक रखे गए सारे वाहन अस्तित्व में ही नहीं थे।
लोन लेकर दूसरी जगह शिफ्ट किया
बैंक प्रबंधन द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक 14 ऋणी व्यक्तियों में से कुल 8 के द्वाराकोटक महिंद्रा बैंक से प्राप्त बंधक ऋण राशि को अपने फायदे के लिए तथा बैंक को क्षति पहुंचाये जाने की मंशा से फायनेंस दिनांक को ही आईसीआईसीआई सिक्यूराईट्स में अवैधानिक ढंग से ट्रांसफर करा दिया है।
मुख्य आरोपी हुए फरार
इस मामले में जब बैंक प्रबंधन द्वारा डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट अनिल सिंह भदौरिया और आपरेशन टीम के रिलेशनशिप मैनेजर दिलीप सिंह को तलब किया गया तो वे नौकरी छोड़कर फरार हो गए और अपना मोबाइल नम्बर भी स्विच ऑफ कर दिया। कुल मिलकर फर्जी लोगों के दस्तावेज और उनकी फर्जी गाड़ियों के कागजात तैयार कर ऋण लिए गए। आशंका तो यह भी है कि जिन 14 लोगों के नाम पर ऋण लिए गए, वे भी अस्तित्व में नहीं है। हालांकि बैंक प्रबंधन ने दस्तावेजों के आधार पर इन्हें भी आरोपी बनाया है। सरस्वती नगर टीआई श्रुति सिंह ने बताया कि आरोपियों की खोजबीन हो रही है, और उनके जल्द ही पकड़े जाने की उम्मीद है।