Ayushman Yojana: इलाज में खर्च बड़े तो अस्पतालों के हाथ खड़े
Ayushman Yojana: प्रदेश में उच्च अधिकारियों की लापरवाही के चलते आयुष्मान भारत योजनांतर्गत सरकारी व निजी अस्पतालों का 13 अरब रुपए का भुगतान शेष है।
Ayushman Yojana रायपुर। प्रदेश में उच्च अधिकारियों की लापरवाही के चलते आयुष्मान भारत योजनांतर्गत सरकारी व निजी अस्पतालों का 13 अरब रुपए का भुगतान शेष है। निजी अस्पताल समूह इस अफसर शाही से तंग आ गए हैं और वे योजनांतर्गत मुफ्त इलाज से अब हाथ खड़ा करने लगे हैं जिसका सर्वाधिक नुकसान उन्हीं गरीबों, पीड़ितों जरूरतमंदों को उठाना पड़ रहा है जिनके वास्ते या योजना चलाई जा रही है।
भुगतान न होने पर निजी अस्पताल ने इलाज से मना कर दिया
बताया जा रहा है कि पिछले बरस हुए विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दरमियान स्वास्थ्य विभाग ने स्टोर नोडल एजेंसी द्वारा 5 अरब की मांग संदर्भित फाइल वित्त विभाग को भेजी ही नही थी। राज्य सरकार को 4 माह हो रहे हैं और उक्त राशि 5 अरब से बढ़कर 7 अरब पहुंच गई। हालांकि सरकार बनने के बाद करीब ढाई अरब रुपए सरकारी, निजी अस्पतालों को भुगतान किया गया था। तत्पश्चात मुफ्त इलाज से रकम बढ़ती गई। इसका सीधा नुकसान यह हो रहा है कि निजी अस्पताल समूह योजनांतर्गत मुफ्त इलाज से हाथ खड़ा कर दे रहे हैं। नतीजन स्वाभाविक तौर पर उन लोगों की परेशानी बढ़ गई जिनके लिए योजना लाई गई है।
अचार संहिता के चलते अधिकारीयों ने भुगतान की राशि रोक दी
अब लोकसभा चुनाव शुरू हो चुका है। आचार संहिता कब की लग चुकी है। बताया जा रहा है कि स्टेर नोडल एजेंसी ने एसीएस हेल्थ को अस्पतालों को भुगतान के लिए 5 अरब का बजट मांगा था। जिसकी फाइल महज इसलिए अटका दी गई है कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगी है, जबकि किसी भी अस्पताल में यहां तक की देश के किसी भी राज्य में योजना तहत मुफ्त इलाज बंद नही हुआ है लेकिन यहां आलाधिकारियों की घोर लापरवाही, मनमाना पन के चलते प्रायवेट अस्पतालों की देनदारी बढ़ती गई। जिस वजह से उन्होंने (प्रायवेट अस्पतालों) ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
योजना के तहत 60 % खर्च केंद्र, 40% राज्य सरकार तक की राशि वहन करती
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजनांतर्गत मुफ्त इलाज की सर्वत्र सराहना की गई थी। इसके तहत 60 % खर्च केंद्र, 40% राज्य सरकार तक की राशि वहन करती है। प्रदेश में आर्थिक, सामाजिक जनगणना अनुसार 48 लाख परिवार है, जबकि प्रदेश सरकार 59 लाख लेकर चल रही है। 10 लाख परिवार एपीएल कार्ड धारी है। एपीएल को वार्षिक 50 हजार जबकि बीपीएल को 5 लाख सलाना चिकित्सा सुविधा (इलाज) का प्रावधान आयुष्मान योजना में है।