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DSP के नाम पर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बना कर ठगी की कोशिश, शातिर ने इस तरह दिया था झांसा

साइबर अपराधियों की हिम्मत इस कदर बढ़ गई है कि अब वे पुलिस अधिकारियों के नाम पर भी फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाने नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

बिलासपुर में पदस्थ डीएसपी रश्मित कौर चावला के नाम से एक फर्जी वॉट्सऐप प्रोफाइल बनाकर ठग ने उनके परिचितों को मैसेज भेजे और पुराने फर्नीचर बेचने के बहाने पैसों की मांग की। इस पूरे मामले में डीएसपी की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटना का खुलासा तब हुआ जब डीएसपी के परिचित कौशलेंद्र सारथी को एक संदिग्ध वॉट्सऐप मैसेज मिला। उस मैसेज में लिखा था कि रश्मित कौर को कुछ पुराना फर्नीचर बेचना है। कौशलेंद्र को यह अजीब लगा क्योंकि उन्हें पता था कि डीएसपी इस तरह की चीजों में संलग्न नहीं रहतीं।

ठगी के नए तरीके, सावधानी ही सुरक्षा

साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक साइबर ठग वर्तमान में सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और मोबाइल नंबरों की क्लोनिंग कर इस प्रकार के अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। वे लोगों की पहचान, फोटो और प्रोफाइल का इस्तेमाल कर उनके जान-पहचान वालों को मैसेज भेजते हैं।

अपनी जरूरत का हवाला देकर पैसों की मांग करते हैं। कई बार लोग बिना पुष्टि किए भावनात्मक कारणों से पैसे भेज भी देते हैं और ठगी का शिकार बन जाते हैं। इस मामले में राहत की बात यह रही कि कौशलेंद्र ने सतर्कता दिखाई और डीएसपी को इसकी जानकारी दी, जिससे समय रहते मामला दर्ज हो सका।

डीएसपी की तत्परता से मामला हुआ उजागर

डीएसपी रश्मित कौर चावला ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनका नाम उपयोग कर ठग उनके जानकारों से ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वॉट्सऐप अकाउंट की स्क्रीनशॉट, संदिग्ध नंबर और चैट की जानकारी पुलिस को सौंपी। इसके आधार पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

जांच में जुटी साइबर टीम

इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। अज्ञात आरोपी की तलाश में साइबर सेल की टीम जुटी हुई है। – निमितेश सिंह, सीएसपी।

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