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Delhi New CM: आतिशी बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, 2013 से अब तक ऐसा रहा राजनीतिक सफर

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Delhi New CM: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री अब आतिशी होंगी। विधायक दल की बैठक आप विधायकों ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है।

Delhi New CM: केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाया गया है। अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद आतिशी के नाम की मुहर लगा दी गई है। आइए जानते हैं कि आतिशी ने आम आदमी पार्टी कब ज्वाइन की थी और उन्होंने कब-कब मुश्किल वक्त में पार्टी का साथ दिया है।

जानकारी के मुताबिक, आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके पति का नाम प्रवीण सिंह है। आतिशी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इतिहास में मास्टर्स किया है। आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। उस समय उन्हें मैनिफेस्टो ड्राफ्टिंग कमेटी का मेंबर बनाया गया था। साल 2015 में उन्होंने मध्य प्रदेश के खंडवा में जल सत्याग्रह में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने खंडवा से आप नेता अलोक अग्रवाल को सपोर्ट किया था।

2015 से 2018 तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की रहीं एडवाइजर

साल 2015 से 2018 तक वह पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की एडवाइजर रहीं। साल 2020 में उन्होंने दिल्ली की काजकाजी विधानसभा से चुनाव लड़ा था और वह जीती थीं। इसके बाद उन्होंने आप की गोवा यूनिट का भी इन्चार्ज बनाया गया। साल 2023 में जब मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

केजरीवाल की करीबी सहयोगी हैं आतिशी

दरअसल, मनीष सिसोदिया के बाद आतिशी को केजरीवाल की सबसे करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र नेता माना जाता है। मौजूदा समय में दिल्ली सरकार में आतिशी के पास सबसे ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। जब अरविंद केजरीवाल जेल गए थे, तब उन्होंने आम आदमी पार्टी की लगभग जिम्मेदारी संभाली और पार्टी की मजबूत सिपाही बनकर खड़ी रही। ये ही वजह है कि आज विधायक दल की बैठक में आतिशी का नाम सबसे आगे रहा और उन्हें दिल्ली का सीएम बनाने का फैसला लिया गया।

15 सितंबर को केजरीवाल ने की थी मुख्यमंत्री पद छोड़ने की घोषणा

बता दें कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को 13 सितंबर को शराब नीति से जुड़े सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।इसके बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। इस दौरान केजरीवाल ने कहा था कि अब जनता तय करेगी कि वह ईमानदार हैं या बेईमान। उन्होंने ये भी कहा था कि अब वह विधानसभा चुनावों के बाद दिल्ली की सत्ता की कुर्सी पर बैंठेंगे।

 

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