Arvind Kejriwal : महाराष्ट्र कांग्रेस नेता ने खोला मोर्चा, कहा- “अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दो”…
Arvind Kejriwal : महाराष्ट्र कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने दिल्ली CM और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने दिल्ली CM से इस्तीफे की मांग की है।
Arvind Kejriwal : नई दिल्ली : मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के संयोजक और राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस नेता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने विगत उदाहरणों का हवाला दिया कि कैसे एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में लालकृष्ण आडवाणी, माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं का नाम सामने आया और उन्होंने नैतिकता के आधार पर तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर साधा निशाना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं।
इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है।
कॉंग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है।
लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं,उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के…— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) March 23, 2024
कांग्रेस नेता संजय निरूपम (Sanjay Nirupam) ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन पर निशाना साधा है। संजय निरुपम ने लिखा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं। इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है। कॉंग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है। लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं,उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया। एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी,माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे,तब उन्होंने नैतिकता का तक़ाज़ा देकर तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफ़ा दे दिया था। अभी हाल में जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे तब #UPA सरकार के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के छिछले आरोपों पर भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। कुछ महीने पहले की बात है,झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ़्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था। हज़ारों साल पीछे जाएं तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था।जिसके लिए राजपाट छीना गया था,वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठा।बल्कि खड़ाऊँ रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं। भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है। दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है,इसका फ़ैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।उनकी गिरफ़्तारी हुई है।वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए। भारत की राजनीति में महज़ 11 साल पुरानी पार्टी राजनीति के पूरी तरह अनैतिक हो जाने की एक मिसाल पेश कर रही है। हम अपने-अपने राजनीतिक कुनबे के हिसाब से पूरी घटना पर स्टैंड ले रहे हैं,पर ख़तरा यह है कि केजरीवाल जी की अपनी कुरसी से चिपके रहने की ज़िद आगे जाकर भारतीय राजनीति को और खोखली कर देगी। इस ख़तरे को राजनीति से ऊपर उठकर भाँपने की आवश्यकता है।
बता दें कि अदालत ने सीएम केजरीवाल को 28 मार्च तक की ईडी रिमांड पर भी भेज दिया है। वहीं केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आम आम आदमी पार्टी के साथ-साथ ‘इंडिया’ गठबंधन के कई दल उनके समर्थन में आ गए हैं। कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया है।