Mon. Dec 15th, 2025

Manali Leh Road 2024 : हिमाचल से लेह की यात्रा अब आसान, 10 घंटे में पहुंचेगे लोग

Manali Leh Road 2024 :

Manali Leh Road 2024 :

Manali Leh Road 2024 : कश्मीर लद्दाख के लोग ढाई दशक से जिस सड़क का इंतजार कर रहे थे, वह अब बनकर तैयार है। रणनीतिक रूप से बेहद अहम 248 किलोमीटर लंबी निम्मू- पादुम दारचा रोड पर, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन अंतिम 600 मीटर का काम इन दिनों कर रही है।

Manali Leh Road 2024 : कश्मीर लद्दाख के लोग ढाई दशक से जिस सड़क का इंतजार कर रहे थे, वह अब बनकर तैयार है। रणनीतिक रूप से बेहद अहम 248 किलोमीटर लंबी निम्मू- पादुम दारचा रोड पर, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन अंतिम 600 मीटर का काम इन दिनों कर रही है। यह रोड हिमाचल के दारचा से लेह के निम्मू से जोड़ेगी, सेना इसे अप्रैल से शुरू करने जा रही है। सड़क के बन जाने से तीन-तीन बड़े फायदे होंगे।

पहला तो यह कि भीषण बर्फबारी में भी देशवासी वाया रोड लेह-लद्दाख जा सकेंगे। जबकि वर्तमान में बर्फबारी में यहां सिर्फ विमान से पहुंचा जा सकता था। दूसरा यह कि सेना किसी भी परिस्थिति में मात्र 10 घंटे में एक साथ चीन-पाकिस्तान बॉर्डर तक भारी मशीनरी पहुंचा सकेगी, जिसमें वर्तमान में 17 घंटे लगते हैं। तीसरा जो बड़ा लाभ होगा, वह यह कि कश्मीर-लद्दाख से कटा रहने वाला बौद्ध बहुल जांसकट उप मंडल लेह से जुड़ जाएगा।

13 बीआरसीएफ के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल पारस के अनुसार बीआरओ ने माइनस 30 डिग्री में यहां दो टुकड़ियों में बिना रुके काम किया है। नया रास्ता 10 महीने खुला रहेगा। मेंटेनेंस के लिए दो माह बंद रखेंगे।

पांच ऊंचाई वाले पहाड़ी दर्रो से गुजरता सेना के जवान

दरअसल सन 1999 में कारगिल युद्ध के बाद सेना को लद्दाख तक एक आसान रोड की जरूरत महसूस हुई थी। क्योंकि मनाली लेह मार्ग लंबा होने के साथ ही पांच ऊंचाई वाले पहाड़ी दर्रो से गुजरता है और महीनों बंद रहता है। दूसरा रूट भी ऐसा ही है। कारगिल हिल डेवलपमेंट काउंसिल के सीईसी के अनुसार यह दुनिया की सबसे सुंदर सड़क में से एक है। सर्दियों में जांसकट नदी जम जाती है और पहाड़ बर्फ से ढंक जाते हैं। इन भौगोलिक विषय परिस्थितियों में बीआरओ ने काम नही रोका।

2276 करोड़ की लागत से बनकर तैयार

बताया गया है कि शुरुआत में इस सड़क का बजट 251 करोड़ था और डेड लाइन 2012 थी। लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते रोड अटक गई। 1 जुलाई 2019 में इसे नई 2276 करोड़ की लागत से बनाना शुरू किया गया। अब डेडलाइन सन 2025 से पहले बनकर तैयार है। अभी श्रीनगर और मनाली से लेह के लिए दो सड़के हैं। दोनों 400 किलोमीटर से ज्यादा लंबी है। सर्दियों में 6-7 माह बंद रहती है, नई सड़क आल वेदर वाली है। बीआरओ ने इसका ज्यादातर हिसाब पहाड़ों के बीच रखा है, इस खूबी से चीन-पाकिस्तान को इसको ट्रैक कर पाना मुश्किल होगा। निम्मू में पूर्वी लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा के लिए एवं आई वी कोर मुख्यालय है। नए रोड से मुख्यालय सीधे जुड़ जाएगा। रोड से सियाचिन एक दिन में सप्लाई पहुंच जाएगी। वर्तमान श्रीनगर लेह सड़क कारगिल में एलओसी से होकर गुजरती है। यह संवेदनशील रोड है, जबकि नई सड़क ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक है।

(लेखक डा. विजय)

About The Author