एआर रहमान को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली राहत, शिव स्तुति की धुन चुराने का मामला खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने एआर रहमान की अपील मंजूर करते हुए सिंगल जज का वह आदेश रद्द कर दिया, जिसमें “वीरा राजा वीरा” गाने को दगर बंधुओं की “शिव स्तुति” से हूबहू समान बताया गया था. कोर्ट ने कहा कि प्रस्तुति करने वाला कलाकार अपने आप में “कंपोजर” नहीं माना जा सकता.
दिल्ली हाईकोर्ट ने म्यूजिक डायरेक्टर एआर रहमान को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उस सिंगल जज बेंच के आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें रहमान की फिल्म पोनियिन सेलवन 2 (PS 2) के गाने “वीरा राजा वीरा” को दगर बंधुओं की रचना “शिव स्तुति” से हूबहू मिलान बताया गया था. न्यायमूर्ति सी हरि शंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की डिवीजन बेंच ने यह आदेश रहमान की अपील पर सुनाया. हालांकि फैसले की विस्तृत कॉपी अभी आना बाकी है.
कोर्ट ने कहा कि हमने समान मत दिया है. सिंगल जज ने इस आधार पर गलती की कि यदि किसी रचना को कोई कलाकार प्रस्तुत करता है तो उसे ही उसका संगीतकार मान लिया जाए. अगर हम इसे मान लें तो हमें कॉपीराइट एक्ट में ‘कंपोजर’ की परिभाषा ही बदलनी होगी. यह मामला 25 अप्रैल को आए आदेश से जुड़ा है. उस दिन जस्टिस सिंह की सिंगल जज बेंच ने उस्ताद फैयाज वसीफुद्दीन दगर की याचिका पर फैसला सुनाते हुए रहमान और फिल्म निर्माताओं को निर्देश दिया था कि गाने के क्रेडिट में स्पष्ट लिखा जाए.
सिंगल जज बेंच ने 117 पन्नों में विस्तृत आदेश जारी कर कहा था कि एक साधारण श्रोता के नजरिये से भी दोनों रचनाएं लगभग समान हैं. इसी आधार पर कॉपीराइट उल्लंघन का दावा मान लिया गया था. लेकिन आज, डिवीजन बेंच ने उस आदेश को खारिज कर दिया और रहमान की अपील को मंजूरी दे दी. इसका मतलब है कि अब “वीरा राजा वीरा” के क्रेडिट बदलने की कोई बाध्यता नहीं रहेगी.