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Ankita Bhandari Murder Case में पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद

Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में पुलिस ने पूर्व बीजेपी नेता का बेटा पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित केस अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत ने पूर्व बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य समेत अन्य दो आरोपियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। मुख्य साजिशकर्ता पुलकित पर लगाए गए सभी चार आरोप सिद्ध पाए गए हैं। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और साथ ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

इस पूरे मामले पर केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजरें टिकी हुई थीं। आज इस पर फैसला आ गया और दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। फैसले के लिए अंतिम सुनवाई के दौरान कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। पुलिस ने 200 मीटर तक के इलाके को सील कर दिया था। इस मामले से जुड़े वकील, पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति थी।

अदालत ने मुख्य आरोपी पूर्व बीजेपी नेता पुलकित आर्य को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम के तहत दोषी माना है। वहीं उसके दो सहयोगी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को 302, 201 और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया।

बता दें कि आर्थिक तंगी के चलते पीड़िता अंकिता भंडारी ने एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी शुरू की थी। लेकिन नौकरी ज्वाइन किए महज 20 दिन के भीतर ही वह संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। परिजनों ने कई थानों के चक्कर काटे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब जनदबाव बढ़ा, तब मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच पुलिस को सौंपी गई और पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। 24 सितंबर 2022 को चीला नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ।

खुलासा हुआ कि रिजॉर्ट संचालक और पूर्व बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर मौत को घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद जनता ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। साथ ही पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए गए।

शुरुआती जांच में पता चला कि पुलकित आर्य, अंकिता भंडारी पर एक वीआईपी गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने का दबाव बना रहा था। अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद विवाद बढ़ा और इसी कारण पुलकित ने सौरभ और अंकित के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी। मामले ने तूल पकड़ा और SIT गठित कर मामले की जांच कराई गई। SIT ने इस मामले में 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और 97 गवाह नामित किए। हालांकि अभियोजन पक्ष ने इनमें से 47 गवाहों को पेश किया। वर्तमान में तीनों आरोपी जेल में बंद हैं।

करीब दो साल आठ महीने तक इस मामले की सुनवाई चली, जिसमें कुल 47 गवाहों की गवाही दर्ज की गई। 19 मई को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 30 मई की तारीख तय की थी।

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