Raipur Ganesh Visarjan 2023 : निगम को बाजार तलाशना होगा राजस्व चाहिए तो …!

Raipur Ganesh Visarjan 2023 :
Raipur Ganesh Visarjan 2023 : खारुन नदी को प्रदूषण से बचाने प्रतिमाओं के लिए विसर्जन कुंड बनाया गया है
Raipur Ganesh Visarjan 2023 : रायपुर। महादेव घाट स्थित विसर्जन कुंड पर Raipur Ganesh Visarjan 2023 इन दिनों विसर्जित प्रतिमाओं से निकले लकड़ियों के अवशेषों का ढेर लगा हुआ है। जिसे कोई खरीदने नहीं पहुंच रहा है निगम को बाजार ढूंढना पड़ेगा राजस्व के लिए।
खारुन नदी को प्रदूषण से बचाने प्रतिमाओं के लिए विसर्जन कुंड बनाया गया है
खारुन नदी को प्रदूषण से बचाने प्रतिमाओं के लिए विसर्जन कुंड बनाया गया है। जहां छोटी-बड़ी, मंझोली, वृहद आकार की करीब 8-9 हजार प्रतिमाएं अब तक चालू सत्र में विसर्जित की जा चुकी हैं। विसर्जन बाद कुंड में प्रतिमा की मिट्टी गल कर जम जाती है तो वही लकड़ी, चिल्फी के अवशेष (ढांचे) रह जाते हैं।
नगर निगम विसर्जन कुण्ड की व्यवस्था देखता -सम्हालता है
नगर निगम विसर्जन कुण्ड की व्यवस्था देखता -सम्हालता है। लिहाजा जमी मिट्टियां कुम्हारों को दी जाती है। हालांकि इसमें रुचि कम ही कुम्हार दर्शाते हैं। इसी तरह प्रतिमाओं में उपयोग की गई लकड़ियां चिल्फियों (ढांचे) बच जाते हैं। जिन्हें कुण्ड से बाहर निकाल एक और रख दिया गया है। 2-3 वर्ष पहले तक लकड़ियां खरीदने लोग पहुंचते थे। जिसमें 50-60 हजार रुपए राजस्व मिल जाता था। पर अब नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में आसपास के गांवों के लोग जलावन के लिए लकड़ियां ले जाते हैं।
शहरी-ग्रामीण इलाकों के लोग, मिट्टी का उपयोग गमला और बाड़ियों के लिए कर सकते हैं
ततसंबंध में आसपास के जागरूक लोगों का कहना है कि नगर निगम को चाहिए कि मिट्टी व लकड़ी दोनों गाड़ियों में भरकर शहर गांव ले जाए। जहां कम दर पर किलो हिसाब से बेचे। इससे कुछ राजस्व प्राप्त हो जाएगा। शहरी ग्रामीण दोनों समुदाय के लोग गमलों , घर के गार्डनों, बाड़ियों के लिए अच्छी मिट्टी छोटे-मोटे कार्यों जैसे स्टूल, कुर्सी, टेबल या जलावन हेतु लकड़ी खरीद लेंगे। छोटे बढ़ाई बच्चों का खिलौना बनाने हल्के- कम वजन की लकड़ी पसंद करते हैं। इन लोगों का यह भी कहना है कि शहरी-ग्रामीण जरूरतमंदो को ततसंबंध में जानकारी नहीं है। फिर विसर्जन कुंड शहर-गांव से 6-10 किलोमीटर दूरी पर है। बाजार निगम को तलाशना होगा।
(लेखक डॉ. विजय )