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22 जून को आएंगे अमित शाह, जाएंगे बीएसएफ कैंप, नक्सल अभियान पर मंथन

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान वे छत्तीसगढ़ में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा करेंगे।

रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान वे छत्तीसगढ़ में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा करेंगे। श्री शाह इरकभट्ठी नारायणपुर के सुरक्षा शिविर-बीएसएफ कैंप भी जाएंगे। यहां ग्रामीणों से मुलाकात और संवात के अलावा श्री शाह कैंप में ही भोजन करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर सुरक्षा बलों के प्रमुख अफसरों के साथ एक अहम बैठक करेंगे। साथ ही नवा रायपुर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि वह अपने दौरे के पहले दिन (रविवार) नवा रायपुर अटलनगर में एक राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) और एक राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला की आधारशिला भी रखेंगे। राज्य सरकार ने एनएफएसयू के लिए 40 एकड़ जमीन आवंटित की है, जिसे केंद्र द्वारा लगभग 400 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, इसी के साथ एक और 6 से 7 एकड़ की जमीन लगी हुई है, जिस पर फॉरेंसिक लैब बनेगा। इन दोनों ही कार्यों का भूमिपूजन होना है। एनएफएसयू का कैंपस जब तक बनेगा, तब तक उसका ट्रांजिट कैम्पस होना चाहिए। पढ़ाई इसी सत्र से प्रारंभ हो जाएगी और उसका ट्रांजिट कैंपस जो शुरू होने वाला है, उसको भी प्रारंभ किया जाएगा।

शाह बनाएंगे चार राज्यों के लिए रणनीति, साय होंगे शामिल
वाराणसी में 24 जून को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक आयोजित होगी। नदेसर स्थित होटल ताज में होने वाली इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल होंगे। पिछली बैठक उत्तराखंड में हुई थी, जबकि इस बार उत्तर प्रदेश को मेजबानी सौंपी गई है।

एंटी नक्सल ऑपरेशन की होगी समीक्षा
अपने प्रवास के दूसरे दिन अमित शाह बस्तर में एक सुरक्षा शिविर का भी दौरा करेंगे। इस दौरान शाह रायपुर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे, इसके साथ ही अमित शाह शहीद एएसपी आकाश राव गिरेपुंजे के परिवार के सदस्यों से मिलेंगे। अपने प्रवास के दौरान वे प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकें भी लेंगे और इसी दौरान किसी एक कैम्प में उनका प्रवास भी होगा। श्री शाह 23 जून की शाम दिल्ली लौटेंगे।

ऐसा है कार्यक्रम
केद्रीय मंत्री अमित शाह 22 जून को दोपहर 1.45 बजे रायपुर पहुंचेंगे। वहां से बंजारी सेक्टर नवा रायपुर में एनएफएसएल विवि को भूमिपूजन करेंगे। 3.15 से 4.15 तक एनएफएसयू, सीएफएसएल परिसर का उद्घाटन करेंगे। 6.50 से 7.50 तक सुरक्षा के मामले में बैठक करेंगे। इसके बार मेफेयर में रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन 23 जून को सुबह 11.20 बजे हेलीकाप्टर से नारायणपुर जाएंगे। 12.25 नियद नेल्लानार ग्राम नारायणपुर का भ्रमण और ग्रामीणों से चर्चा करेंगे। 1.45 को बीएसएफ कैंप जाएंगे। यहां जवानों से चर्चा करेंगे। 2.20 से 3.20 तक कैंप में संवाद करेंगे। 4.25 को रायपुर लौटकर 4.30 बजे बीएसएफ के विमान से दिल्ली वापस लौटेंगे।

छह माह में तीसरी बार बस्तर आ रहे, जब भी आए नक्सलियों पर कसा शिकंजा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का छह माह में ही उनका तीसरा छत्तीसगढ दौरा है। श्री शाह मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का ऐलान कर चुके हैं। इसके बाद से ही वे इस मामले में कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि वे छह माह में तीसरी बार बस्तर आ रहे हैं। वे जब भी बस्तर के दौरे पर आते हैं, तब नक्सलियों पर शिकंजा और ज्यादा कस जाता है। नक्सलियों के खिलाफ जिस तरह से लगातार अभियान चल रहा है और बड़े नक्सली भी नेता मारे जा रहे हैं, इससे नक्सली पूरी तरह से बैकफुट पर आ गए हैं। नक्सली अब लगातार शांति वार्ता की फरियाद कर रहे हैं, पर सरकार ने दो टूक कह दिया है, हथियार छोड़े बिना चर्चा संभव नहीं है। सरकार का लक्ष्य हर हाल में नक्सलवाद को समाप्त करना है। अमित शाह ने बीते साल रायपुर में हुई हाईलेवल मीटिंग में नक्सलवाद को मार्च 2026 तक समाप्त करने का ऐलान किया था। इसके बाद से प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नक्सलियों की हालत इस समय बहुत ज्यादा खराब हो गई है। लगातार नक्सली मारे जा रहे हैं। अब बड़े नेताओं की भी मार गिरा जा रहा है।

दिसंबर में बस्तर आए थे शाह
श्री शाह बीते साल दिसंबर में बस्तर ओलंपिक के समापन में बस्तर आए थे। तब उन्होंने यहां पर कहा, नक्सलवाद खत्म होने पर यहां कश्मीर से ज्यादा पर्यटक आएंगे। 31 मार्च 2026 के बाद लोग कहेंगे बस्तर बदल गया है। गलत रास्ते पर गए लोग सरेंडर करें, हिंसा करेंगे तो हमारे जवान आपसे निपटेंगे। उन्होंने कहा, मैं नक्सलियों से अपील करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझे और आत्मसमर्पण करें। श्री शाह ने कहा, मैंने कई राज्यों की पॉलिसी देखी है, छत्तीसगढ़ की सरेंडर पॉलिसी सबसे अच्छी है। श्री शाह ने कहा, सरकार बदलने के बाद से टॉप 14 नक्सली न्यूट्रलाइज हुए हैं। 4 दशकों में पहली बार नागरिकों और सुरक्षाबलों के मृत्यु के आंकड़े में कमी आई है। 10 साल में नक्सलवाद पर नकेल कसी गई। पुलिस ने एक साल में छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों से नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी की है। इसी के साथ रायपुर में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम में भी कहा, हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करेंगे। जैसे ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त होता है, देशभर में नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा।

अप्रैल में पंडुम महोत्सव में आए बस्तर
श्री शाह अप्रैल में पंडुम महोत्सव में शामिल होने बस्तर आए। उन्होंने एक बार फिर ने बस्तर और रायपुर में बैठक लेकर नक्सलवाद को समाप्त करने की रणनीति पर बैठक की। इसी के साथ उन्हेंने दंतेवाड़ा में पंडुम महोत्सव में कहा, नक्सलवाद के खिलाफ हम दोनों तरफ से आगे बढ़ रहे हैं।विकास के लिए हाथ में आईईडी नहीं कलम चाहिए। 2025 में 500 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है। मार्च 2026 तक लाल आतंक से मुक्त करने का काम किया जाएगा। बस्तर भविष्य का परियाय बनेगा। पहले कभी गांव वीरान था, आज स्कूलों की घंटी बज रही है। ये ही बस्तर का विकास है। अब नक्सलवाद के साथ कोई समझौता नहीं होगा। बस्तर अब आगे बढ़ रहा है। आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है। आपकी सुरक्षा डबल इंजन की सरकार करेगी।

 

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