Amit Shah पर बयान देकर फिर फंसे कांग्रेस नेता जयराम नरेश, चुनाव आयोग ने मांगे सबूत

Amit Shah : चुनाव आयोग ने जयराम रमेश के आरोप पर तत्काल संज्ञान लेकर उन्हें सोमवार तक सबूत पेश करने के लिए कहा था।
Amit Shah रायपुर। मतगणना प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से देश भर के 150 जिला अधिकारियों से बात करने के आरोप पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की मुश्किल बढ़ गई हैं।
दरअसल, चुनाव आयोग ने जयराम रमेश के आरोप पर तत्काल संज्ञान लेकर उन्हें सोमवार तक सबूत पेश करने के लिए कहा था। मगर जयराम रमेश ने सोमवार को सबूत पेश करने के बदले आयोग को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सबूत पेश करने के लिए 7 दिन का समय देने की मांग की। इस पत्र के जवाब में आयोग ने फिर से पत्र लिखा था और रमेश की मांग ठुकराते कहा, आचार संहिता के दौरान सभी अधिकारियों को चुनाव आयोग को रिपोर्ट करना होता है। और वो सिर्फ चुनाव आयोग के आदेश पर काम करते हैं। आपने(रमेश) जो आरोप लगा है, उस तरह से कोई भी शिकायत किसी भी जिला अधिकारी ने नही की है।
मतगणना की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। ऐसे में आपके बयान लोगों के बीच संदेह पैदा कर रहे हैं। अगर ठोस तथ्यात्मक सबूत है, तो सोमवार शाम 7:00 बजे तक पेश करें। अन्यथा इन आरोपों को पूरी बेबुनियाद मानते हुए खारिज किया जाता है और माना जाएगा कि इस मामले में कहने के लिए आपके पास कुछ ठोस नहीं है और आयोग इस संबंध में आगे उपयुक्त कार्रवाई करेगा। रमेश ने आयोग के इस तय समय (सोमवार 7:00 बजे तक) कोई जवाब नहीं दिया।
गौरतलब है कि जयराम रमेश ने शनिवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए गृहमंत्री अमित शाह पर यह आरोप लगाए थे। आरोप पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने रविवार को जयराम रमेश से सोमवार 7:00 बजे तक ठोस सबूत पेश करने के लिए कहा था। सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था कि अफवाह फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नही है। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा था कि क्या कोई भी जिला अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों को प्रभावित कर सकता है। हमें बताइए यह किसने किया। आयोग उस व्यक्ति को दंडित करेगा। चुनाव की पारदर्शी व्यवस्था में सेंध लगाने की किसी को नहीं दी जा सकती। जनहित को देखते हुए जिम्मेदार और अनुभवी नेताओं को इस तरह के सार्वजनिक बयानों से बचना चाहिए, जो शक पैदा करते हैं।