Tue. Jul 1st, 2025

अमरनाथ यात्रा रूट ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित, सुरक्षा को लेकर इस तरह की जा रहीं तैयारियां

अमरनाथ यात्रा के चलते जम्मू-कश्मीर की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सुरक्षा के चलते अमरनाथ यात्रा रूट को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया गया है. इसके तहत अब अमरनाथ रूट पर UAV, ड्रोन, गुब्बारों पर प्रतिबंध रहेगा. यह फैसला सुरक्षा के चलते लिया गया है.

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है. यात्रा के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जम्मू-कश्मीर सरकार ने तीर्थयात्रा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय की सलाह पर पहलगाम और बालटाल एक्स पर हवाई प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसी के चलते अब पूरे तीर्थयात्रा रूट को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया है.

अब बड़ा सवाल यह सामने आता है कि सरकार ने यह कदम क्यों उठाया. दरअसल, सरकार ने यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है. आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए हर तरह की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित

केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग ने पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों सहित अमरनाथ यात्रा के सभी मार्गों को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया है. यह प्रतिबंध पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों को कवर करने वाले सभी तरह के हवाई डिवाइस पर लागू होता है – जिनमें यूएवी, ड्रोन और गुब्बारे भी शामिल हैं.

कब से कब तक प्रतिबंध रहेंगे लागू

यह सुरक्षा निर्देश 01 जुलाई से 10 अगस्त तक लागू रहेंगे. यह निर्णय भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से ऐसा करने की सलाह के बाद आया है. हालांकि, कुछ केस में जैसे मेडिकल इमरजेंसी, आपदा प्रबंधन, या सुरक्षा बलों की ओर से संचालित निगरानी अभियानों के मामलों पर यह निर्णय लागू नहीं होगा.

अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त, 2025 तक होने वाली है. यात्रा में बड़ी तादाद में श्रद्धालु शामिल होते हैं और यात्रा पर जाते हैं. इस दौरान किसी भी तरह की सुरक्षा में चूक न हो इस बात के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. सुरक्षा के चलते ही यह बड़ा कदम उठाया गया है.

सुरक्षा के लिए की जा रहीं तैयारियां

अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं. एलजी मनोज सिन्हा ने इस बात पर जोर देते हुए जनता से सहयोग का आह्वान किया है कि अमरनाथ यात्रा लोगों की यात्रा है. पहलगाम हमले के मद्देनजर यात्रा के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैयारियां की जा रही हैं. तीर्थयात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की 580 कंपनियां तैनात की जा रही हैं.

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