रायपुर विधानसभा चुनाव 2023 : रायपुर विधानसभा चारों क्षेत्र में मुख्य दल के प्रत्याशी जुटें हैं …!
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रायपुर विधानसभा चुनाव 2023 :
रायपुर विधानसभा चुनाव 2023 : रायपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे
रायपुर विधानसभा चुनाव 2023 : रायपुर विधानसभा के उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब रायपुर विधानसभा चुनाव 2023 दोनों प्रमुख पार्टी- कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवार चारों विधानसभा क्षेत्रों से घोषित हो चुके हैं। यानी मुकाबला वास्तव में शुरू हो चुका है।
कांग्रेस ने अपने उत्तर विधानसभा पर प्रत्याशी तलाशने में काफी वक्त लिया। यहां से कई अन्य दावेदार थे। मसलन प्रसिद्ध चिकित्सा, वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता, नेता डॉक्टर राकेश गुप्ता जो 20-25 वर्षों से दावेदारी कर रहे हैं। उन्हें फिर दरकिनार कर वर्तमान विधायक कुलदीप जुनेजा को तीसरी बार भी मौका दिया गया है। जबकि बताया जा रहा है कि वह एंटी इक्क्वेंसी का माहौल प्रत्याशी विशेष के विरुद्ध है। यहां से कुकरेजा युवा नेता के तौर पर दावेदार थे। लंबे समय से लगे हुए हैं। सिंधी समाज से किसी को भी प्रत्याशी कांग्रेस ने नहीं बनाया है तो वहीं महापौर एजाज ढेबर भी उत्तर से चुनाव लड़ना चाहते थे। उनके समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया था। पर कुकरेजा, ढेबर को भी नजर अंदाज कर जुनेजा को रिपीट किया गया है। उनके विरुद्ध भाजपा के पुरंदर मिश्रा है। जिनको पार्टी ने 5 दिन पहले टिकट दे दिया है। वे पखवाड़े भर से चुनाव प्रचार में डटे हुए हैं। उनकी उड़िया समुदाय पर जबरदस्त पकड़ है। जिनकी संख्या बहुतायत में हैं। आमतौर पर सामान्य रहा उत्तर विधानसभा क्षेत्र इस बार दावेदारों के चलते महत्त्वपूर्ण बन गया है। जिसकी चर्चा दिल्ली तक हुई हैं। जुनेजा की सिख समाज में पकड़ हैं। जिसकी संख्या यहां बहुत हैं।
दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने दूधाधारी मठ के महंत जैजेपुर के पूर्व विधायक डॉक्टर रामसुंदर दास को चार-पांच दिन पूर्व खड़ा किया है। वे प्रचार में जुट गए हैं। जबकि दक्षिण क्षेत्र से उन्होंने दावेदारी नहीं की थी। परंतु बृजमोहन अग्रवाल जैसे दमदार विधायक के चलते उनके विरुद्ध उन्हें (महंत) उतारा गया है। यहां से कांग्रेस के, पूर्व महापौर, वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे, महापौर एजाज ढेबर एवं पूर्व प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल दावेदार थे। पर तीनों को दरकिनार कर महंत को लाया गया है। ढेबर समर्थकों समेत कन्हैया के समर्थकों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया था। दक्षिण विधानसभा से बृजमोहन चार बार चुनाव जीत चुके हैं। तीन बार शहर से। इस प्रकार लगातार सात बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। उनके विरुद्ध प्राय: हर बार नया प्रत्याशी कांग्रेस खड़ा करती रही है जो एक के बाद एक हारते गए। बृजमोहन भी प्रचार में जुट गए हैं। उन्होंने कहा है कि वे नहीं जनता चुनाव लड़ती है। जो उनका नाम आगे करती यानि वे खुद माध्यम हैं। जनता 7 बार जीती हैं।
पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक विकास उपाध्याय रिपीट हुए हैं। उनके विरोध भाजपा से पूर्व मंत्री राजेश मूणत है। दोनों खूब जोर लगा रहे हैं। मूणत ने दो बार विकास को हराया है तो एक बार विकास ने मूणत को। अब इस बार क्या होता है देखना है। यहां साहू मतदाताओं की संख्या 1 लाख से ऊपर है। जिसके बाद यादव एवं मुस्लिम 25- 25 हजार हैं। सिंधी, सिख, ब्राह्मण 6-6 हजार हैं। दोनों प्रत्याशी दिन-रात एक किए हुए हैं।
चौथी और अंतिम सीट ग्रामीण रायपुर है। जहां से कांग्रेस ने पंकज शर्मा को खड़ा किया है। उनके विरुद्ध भाजपा के मोतीलाल साहू है। पंकज एक पूर्व कांग्रेसी मंत्री के सुपुत्र हैं। वे बाबूजी के नाम- काम पर वोट मांग रहे हैं। तो वही मोतीलाल साहू एक बार मौका देने की अपील मतदाताओं से कर रहे हैं। इस परीक्षेत्र में बहुतायत में साहू समाज के लोग रहते हैं। लिहाजा मुकाबला रोमांचक बन रहा है। चर्चा है कि दोनों पार्टियों अपने उम्मीदवार को पहला एवं आखिरी मौका बोलकर उतार रही है। जो जीता वह सिकंदर होगा। जो हारेगा उसे भविष्य में शायद कभी रिपीट नहीं किया जाएगा। लिहाजा दोनों प्रत्याशी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
बहरहाल मतदाताओं के समक्ष दोनों पार्टी के उम्मीदवार पहुंच चुके हैं। ग्रामीण रायपुर मतदाताओं की क्या पसंद, चाहत है सब अंदर खाने में है। बाहर 17 नवंबर के बाद एग्जिट पोल एवं 3 दिसंबर को मतगणना बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
(लेखक डॉ.विजय)