Akshaya Tritiya 2024: छत्तीसगढ़ का अक्ती त्यौहार, घर में सजायेंगे बच्चे मंडप और कराएंगे गुड्डे गुड़िया का ब्याह
Akshaya Tritiya 2024: हिंदू धर्म में हर तीज त्योहार और व्रत का विशेष महत्व है। छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्व अक्षय तृतीया ‘अक्ती’ 10 मई को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया का पर्व, जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Akshaya Tritiya 2024रायपुर। हिंदू धर्म में हर तीज त्योहार और व्रत का विशेष महत्व है। छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्व अक्षय तृतीया ‘अक्ती’ 10 मई को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया का पर्व, जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पर्व को लेकर काफी दिनों से तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं। जिस परिवार में विवाह योग्य युवक-युवती होते हैं, उनका विवाह प्राय: अक्षय तृतीया के महामुहूर्त में ही संपन्न किया जाता है। यदि युवक-युवतियों का विवाह न हो तो उस परिवार के छोटे बच्चे अपने गुड्डा-गुड़िया का विवाह रचाकर खुशियां मनाते हैं।
छत्तीसगढ़ में गुड्डा-गुड्डी (पुतरा-पुतरी) विवाह रचाने राज्य की विशिष्ट परंपरा
इस दिन गुड्डा-गुड्डी (पुतरा-पुतरी) विवाह रचाने राज्य की विशिष्ट परंपरा है। अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ में अक्ती तिहार के रूप में भी मनाया जाता है। परंपरानुसार मंडप में गुड्डा-गुड्डी फेरे लेंगे। पूरे राज्य में अक्ती का त्यौहार पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर में इस बार बड़ी संख्या में मिट्टी के बने गुड्डे और गुड़िया की बिक्री हुई। इसके अलावा मोर, मटका, कलश, चुनरी, माला जैसे सजावट के सामान भी लोग खरीदते नजर आए। जो काफी आकर्षक व दिखने में बेहद खूबसूरत लग रहे थे। इन गुड्डा-गुड़िया की कीमत भी काफी कम था। 50 रुपये से लेकर 200 रुपये में बड़ी आसानी से मिल गए। मटका कलश का दाम 50 रुपये जोड़ी था। मोर का दाम 20 रुपये, वहीं चुनरी का दाम 10- 20 रुपये था।
अक्षय तृतीया पर फूलों की मांग बढ़ी
अक्षय तृतीया पर राजधानी में फूलों की मांग हमेशा बढ़ जाती है। अक्षय तृतीया पर हर साल लगभग यही स्थिति रहती है। इस बार गेंदे की एक माला 20 रुपये प्रति नग बिक रही है। खुल्ला गेंदा 60 रुपये प्रति किलो भाव है। वहीं गुलाब एक नग 20 रुपये तथा पंखुड़ी प्रति किलो 350 से 400 रुपये तक बिक रहा है।