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Akshaya Tritiya 2024: साल में सिर्फ एक बार ही दिखते हैं बांके बिहारी के चरण

Akshaya Tritiya 2024:

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर्व के इस अवसर पर श्री बांके बिहारी को शीतलता देने के लिए उनके शरीर पर 100 किलो चंदन का लेपन किया जाएगा।

Akshaya Tritiya 2024 रायपुर। अक्षय तृतीया त्यौहार पर बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं। जबकि साल भर उनके चरण पोशाक से ढंके रहते है।सालभर लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। वो इसालिए क्‍योंकि बांके बिहारी भक्‍तों को अपने चरणाें के दर्शन देते हैं। बता दें कि चरण दर्शन साल में एक ही बार होते हैं। इसलिए इसका विशेष महत्व है। ठाकुर बांके बिहारी के चरण पूरे साल पोशाक में छिपे रहते हैं। उनके चरणों के दर्शन केवल अक्षय तृतीया पर मिलते हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग वृंदावन पहुंचते हैं। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन ही क्‍यों देते हैं ठाकुर जी चरण दर्शन।

बांके बिहारी को 100 किलो चंदन का लेपन किया जाएगा

अक्षय तृतीया पर्व के इस अवसर पर श्री बांके बिहारी को शीतलता देने के लिए उनके शरीर पर 100 किलो चंदन का लेपन किया जाएगा। इसके लिए लगभग 125 गोस्वामी परिवार अपने घरों और मंदिरों में पत्थरों के सिला पर चंदन घिस रहे हैं। जिस चंदन से बिहारी जी की सेवा की जाएगी, वो कोई मामूली चंदन नहीं है। बल्कि लेपन के लिए मलयागिरी चंदन का उपयोग किया जाता है। दक्षिण भारत से लाए गए मलयागिरि चंदन की घिसाई का काम इन दिनों गोस्वामियों परिवार द्वारा किया जा रहा है।

निधिवन में स्वामी हरिदास की भक्ति से प्रसन्न होकर बांके बिहारी जी प्रकट हुए

बांके बिहारी जी के चरण दर्शन साल में एक बार ही होते हैं, इसके पीछे भी एक कहानी है। कथा के अनुसार, बात करीब 500 साल पहले की है। तब यहां निधिवन में स्वामी हरिदास की भक्ति और साधना से प्रसन्न होकर बांके बिहारी जी प्रकट हुए। तब स्वामी जी ठाकुर जी पूरे तन और मन से ठाकुर जी की सेवा करते थे। प्रभु की सेवा करते-करते उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।

एक बार स्वामी जी ने देखा कि ठाकुर जी के चरणों में एक स्वर्ण मुद्रा रखी है। वे उसी स्वर्ण मुद्रा से प्रभु की सेवा और भोग का इंतजाम किया करते थे। आश्‍चर्य की बात तो यह है कि जब जब स्वामी जी को पैसों की किल्लत होती थी तो ठाकुर जी के चरणों से स्वर्ण मुद्रा मिल जाती थी। सिर्फ इसलिए रोजाना बांके बिहारी जी के चरण के दर्शन नहीं कराए जाते। उनके चरण पोशाक से ढके होते हैं। साल में एक बार ही अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर प्रभु के चरण दर्शन करने का सुनहरा मौका मिलता है।

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