वायुसेना को अक्टूबर में मिलेंगे 2 तेजस-मार्क 1A लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना को अक्टूबर में दो तेजस-मार्क 1A लड़ाकू विमान मिलेंगे. डिलीवरी से पहले Mk-1a के कई फायरिंग टेस्ट किए जाएंगे. टेस्ट सफल होने के बाद ही तेजस-मार्क 1A भारतीय वायुसेना को सौंपे जाएंगे.वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा कि फाइटर स्क्वॉड्रन की कमी गंभीर चुनौती है.
भारतीय वायुसेना को अगले महीने यानी अक्टूबर 2025 में दो तेजस-मार्क 1A लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमानों की डिलीवरी की तैयारी पूरी कर ली गई है. हालांकि यह डिलीवरी करीब दो साल की देरी से हो रही है.
HAL सूत्रों के मुताबिक, डिलीवरी से पहले सितंबर माह में यानी इसी महीने तेजस Mk-1a के कई फायरिंग टेस्ट किए जाएंगे, जिनमें अस्त्र बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल, ASRAM शॉर्ट रेंज मिसाइल और लेजर गाइडेड बम की फायरिंग टेस्टिंग शामिल है. ये टेस्ट सफल रहने के बाद ही तेजस-मार्क 1A भारतीय वायुसेना को सौंपे जाएंगे. इससे पहले किए गए परीक्षणों में एक बार सफलता और एक बार असफलता मिली थी, जिसके बाद सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव किए गए.
इंजन सप्लाई से तेज होगी डिलीवरी
तेजस-मार्क 1A के लिए अमेरिकी कंपनी जीई अगले साल मार्च तक 10 इंजन और दिसंबर 2026 तक 20 और इंजन उपलब्ध कराएगी. इससे आने वाले महीनों में वायुसेना को तेजस की डिलीवरी की गति और बढ़ने की संभावना है.
स्क्वॉड्रन की कमी एक बड़ी चुनौती
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह पहले ही कह चुके हैं कि फाइटर स्क्वॉड्रन की कमी गंभीर है. वायुसेना के पास 42 स्क्वॉड्रन होनी चाहिए, लेकिन फिलहाल संख्या घटकर 31 पर आ चुकी है. 26 सितंबर को मिग-21 की दो स्क्वॉड्रन रिटायर हो जाएंगी, जिसके बाद यह संख्या 29 रह जाएगी. टू-फ्रंट वॉर (पाकिस्तान और चीन) की स्थिति को देखते हुए 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत तय की गई थी.
कोबरा स्क्वॉड्रन की होगी वापसी
तेजस-मार्क 1A की पहली तैनाती बीकानेर एयरबेस पर होगी. यहां कोबरा स्क्वॉड्रन दोबारा सक्रिय की जाएगी, जिसे अब तक मिग-21 बाइसन संचालित करती रही है. तेजस मिलने के बाद कोबरा स्क्वॉड्रन भारत की आधुनिक ताकत का नया प्रतीक बनेगी.