‘डीपफेक और AI समाज के लिए बड़ा खतरा’, दिल्ली HC ने कहा

डीपफेक तकनीक से अब दिल्ली हाईकोर्ट भी टेंशन में आ गया है। कोर्ट ने बुधवार को कहा कि डीपफेक तकनीक समाज में एक गंभीर खतरा बनने जा रही है और सरकार को इस बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि डीपफेक तकनीक समाज में एक गंभीर खतरा बनने जा रही है और सरकार को इस बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सिर्फ तकनीक ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की काट हो सकती है। हाईकोर्ट देश में डीपफेक तकनीक के संभावित दुरुपयोग और इसके गैर-नियमन के खिलाफ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि चुनावों से पहले, सरकार इस मुद्दे पर चिंतित थी और अब चीजें बदल गई हैं।
क्या है डीपफेक तकनीक?
इस पर, केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि “संभव है कि हमारी भाव-भंगिमा बदल गई होगी, लेकिन हम अब भी उतने ही चिंतित हैं जितने तब थे।’’ केंद्र के वकील ने यह भी कहा कि अधिकारी मानते हैं कि यह ऐसी समस्या है, जिससे निपटने की जरूरत है। डीपफेक तकनीक के तहत किसी तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति की जगह अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगा दी जाती है। इसके तहत मूल व्यक्ति के शब्दों और कार्यों को बदलकर दर्शकों को गुमराह किया जा सकता है और गलत सूचना फैलाई जा सकती है।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा, “आपको (केंद्र सरकार को) इस पर काम शुरू करना होगा। आपको इस बारे में सोचना होगा। डीपफेक समाज में एक गंभीर खतरा बनने जा रहा है।” जस्टिस मनमोहन ने कहा, “आप भी कुछ अध्ययन करें। यह ऐसा कुछ है कि आप जो देख रहे हैं और जो सुन रहे हैं, आप उस पर भरोसा नहीं कर सकते। यह कुछ ऐसा है जो चकित करता है। जो मैंने अपनी आंखों से देखा और जो मैंने अपने कानों से सुना, मुझे उस पर भरोसा नहीं करना है, यह बहुत ही चौंकाने वाला है।”