रायपुर न्यूज : दीपावली की खुमारी, राजधानी समेत समूचे प्रदेश में सन्नाटा पसरी।

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रायपुर न्यूज : दिवाली के बाद राजधानी समेत पूरे छत्तीसगढ़ में ज्यादातर बाजार बंद हैं।
रायपुर न्यूज : दीपावली की खुमारी तीसरे दिन भी छाई हुई है। राजधानी समेत समूचे छत्तीसगढ़ में रायपुर न्यूज ज्यादातर हाट- बाजार बंद है। हालांकि जरूरी चीजों मसलन मेडिकल, दूध, ब्रेड पेट्रोल पंप की सेवा उपलब्ध थी।
इस बार दीपोत्सव पर लक्ष्मी पूजन रविवार के दिन पड़ा। उस दिन हाट- बाजार दिन भर खुला हुआ था। हालांकि शाम जल्दी बंद हुआ। पर लोगों ने पहले ही से खरीदारी कर ली थी। छोटे- बड़े, मंझोले एवं फुटकर काम धंधा करने वाले भी रविवार बाद परिवार संग दीपावली मनाने निकल पड़े। इसके पूर्व दफ्तरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी पूजन किया।
सोमवार की सुबह से ही तमाम हाट- बाजार समूचे प्रदेश में बंद है। सड़कों पर एक तरह से वीरानी सी है। महज दसवां हिस्सा यातायात का दिखा। लोग त्यौहार की थकान घरों पर परिवार के साथ रहकर दूर कर रहे हैं। कुछ लोग घूमने-फिरने अपने वाहनों से निकल पड़े हैं। वे ऐसे लोग नगण्य प्राय : हैं। क्योंकि सभी ओर बंद का माहौल है। लिहाजा बाहर घूमने जाना यानी समस्या का सामना करना है।
खैर ! राजधानी के तमाम बड़े बाजार मसलन मालवीय रोड, सदर बाजार, गोल बाजार, गुढ़ियारी, स्टेशन रोड, एमजी रोड, मौदहापारा रोड, जीई रोड, पंडरी, तेलीबांधा, तेलघानी नाका पचपेड़ी नाका,पचपेढ़ी नाका, टाटीबंध, कटोरा तालाब, सुंदर नगर, अश्विनी नगर, लाखे नगर, आमापारा, आश्रम, डंगनिया, रायपुरा आदि मंगलवार को भी बंद थे।
बहरहाल त्योहारी खुमारी उतरने में एक-दो दिन और लग सकता है। मंगलवार को गोवर्धन पूजन बुधवार को भाई दूज हैं। यह दोनों निपटाकर 16 नवंबर की सुबह ही स्थिति सामान्य हो सकेगी। वह इसलिए कि 17 नवंबर को 70 विधानसभा में मतदान होना हैं। इसके एक दिन पूर्व शायद ज्यादातर बाजार खुल जाए। वैसे मतदान तिथि को शासकीय अवकाश है। तो वहीं निजी क्षेत्रों, कारखानों में काम करने वालों को मतदान हेतु कम से कम 2 घंटे का अवकाश देना अनिवार्य है। बसें भी बंद प्राय: है। कम बसे नजर आने के पीछे एक बड़ी वजह चुनाव के लिए अधिग्रहण करना है। खैर! त्योहारी खुमारी जब छटे। मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, दूध, ब्रेड आदि आवश्यक चीजों की उपलब्धता थी। परंतु इनमें से भी एक तिहाई में सेवा बंद रखी है। लोग चाय -पानी, नाश्ता, गुटखा, सब्जी भाजी के लिए भटकते देखे गए। ऑटो रिक्शा भी कम चले जानकारों -समझदारों ने जरूरी चीजों की खरीदी एवं स्टॉक पहले से कर रखा था। आलम यह था कि प्रिंट मीडिया में एक दिन का अवकाश था। परंतु हॉकरों ने दो दिन छुट्टी मारी। लिहाजा मंगलवार को अखबार घरों पर नहीं पहुंचा।
(लेखक डॉ. विजय)