Wed. Jul 2nd, 2025

आखिर क्यों फूट-फूट कर रो पड़े बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, जानिए क्या है मामला ?

राजस्थान: मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राजस्थान विधानसभा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। मीडिया से बात करते हुए वह रोने लगे और कहा कि लगभग 50 लोगों ने मुझ पर हमला किया लात मुक्का मारा और कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से बाहर भेज दिया । राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने मुझे बोलने की अनुमति भी नहीं दी।

कांग्रेस नेताओं ने दिखाया बाहर का रास्ता
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने आगे कहा कि ‘कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से बाहर खींच लिया। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने मुझे बोलने की अनुमति भी नहीं दी। मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है?’

लाल डायरी दिखाने के दौरान सदन में हुई बहस
सोमवार को शून्यकाल के दौरान सदन में तब अनियंत्रित स्थिति पैदा हो गई जब गुढ़ा ‘लाल डायरी’ लेकर स्पीकर सीपी जोशी की कुर्सी के पास पहुंचे और उनसे बहस करने लगे। जैसे ही गुढ़ा ने लाल रंग की डायरी लहराई, स्पीकर ने उन्हें अपने कक्ष में आने के लिए कहा।

कुछ देर बाद गुढ़ा संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के पास पहुंचे और उनसे भिड़ गए। सदन में बीजेपी विधायकों ने भी ‘लाल डायरी’ के मुद्दे पर हंगामा किया और सदन के वेल में पहुंच गये। हंगामा बढ़ने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

कौन है राजेंद्र गुढ़ा?
सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले राजेंद्र गुढ़ा पहले सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते थे। वह झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट पर विधायक बने। शुक्रवार को अपने ही सरकार को घेरने के बाद सीएम अशोक गहलोत की सिफारिश पर उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद राजस्थान की सियासत में उबाल बढ़ता जा रहा है।

बर्खास्त किए जाने के बाद क्या बोले राजेंद्र गुढ़ा?
राजेंद्र गुढ़ा ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने संघर्ष का रास्ता चुना है, माफी का नहीं। मुझे किस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए? मैंने महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठाई है। मैं अब स्वतंत्र हूं। यह सच है और इसे स्वीकार करना चाहिए कि राजस्थान सरकर महिला सुरक्षा में विफल रही। मणिपुर के बजाय हमें अपने अंदर झांकना चाहिए कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार क्यों बढ़े हैं?’

 

 

About The Author