Banner Poster Flex 2023 गौरतलब है कि प्रदेश में महज 2 माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। आचार,संहिता पखवाड़े भर के बाद या भीतर लग सकती है। चुनाव के मददेनजर संभावित उम्मीदवारों द्वारा अपना प्रभाव, दिखाने,छोड़ने, माहौल बनाने बाकायदा धड़ल्ले से सड़कों के डिवाडरों पर लगे खभों पर अपना बैनर-पोस्टर लगा रहे हैं। जो हर दल के हैं। बैनर-पोस्टर फ्लेक्स, हवा, पानी, बारिश, आंधी-तूफान में फट-टूट जा रहें हैं। जिनमें लगी लकडिया (फ्रेम) के कई फीट हिस्से मध्य सड़क के बाएं-दाएं हिस्से में निकले हुए हैं। नतीजन राहगीरों को परेशानी हो रही है। खासकर दुपहिया- चारपहिया चालकों को अचानक सामने बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स का फ्रेम आने से या टूटे फ्रेम के हिस्से आने से टकराने का डर बना रहता है। इससे अकस्मात दुपहिया- चार पहिया वाहन चालक या तो टकरा रहे हैं और उनका संतुलन बिगड़ रहा है। या फिर बचने अचानक वाहन साइड करने, ब्रेक लगाने से पीछे आ रहे वाहन से टक्कर लगने की आशंका रहती है। जिसे लेकर लड़ाई-झगड़ा भी हो जा रहा है। जबकि गलती बैनर पोस्टर लगाने वालों की है।
Banner Poster Flex 2023 तीज- त्यौहारों,उत्सवों का सीजन तो वैसे भी चल रहा है। नेताओं का आगमन राजनैतिक सभाओं, सम्मेलनों ,सरकारी कार्यक्रमों के वास्ते हो रहा है। या नेताओं या उनके आकाओं का जन्मदिन हो बधाई, शुभकामनाएं, सफलता दिखाने नीतियों बताने बैनर- पोस्टर,फ्लैक्स लगाए जाते हैं। आपत्ति उठाने पर संबंधित नगरीय निकाय या पालिका, पंचायत कार्रवाई करते हैं- कर रहे हैं कहकर इतिश्री कर लेते हैं। राजनैतिक दलों के मामले में दखलदांजी करना नहीं चाहते या कहें कि साहस नहीं है। जनता, राहगीर ,वाहन चालक घायल हो या दुर्घटना ग्रस्त उसकी किस्मत पर छोड़ दे रहे हैं।
Banner Poster Flex 2023 नियम-कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति, संस्था, दल ऐसा पोस्टर- बैनर सड़क के ऊपर नहीं लग सकता जो राहगीर या वाहन चालक का ध्यान बांटे। दुर्घटना न हो इसलिए ऐसा नियम है। दूसरा किसी दुकान, मकान पर पोस्टर बैनर बगैर मालिक की अनुमति से नहीं लगाया जा सकता। पर इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। धड़ल्ले से एवं रातों-रात बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स लगा जाते हैं। बाद में निकालते तक नहीं कई तो पूरे माह या 2-3 माह तक लगे रहते हैं। राजधानी में जयस्तंभ चौक से कोतवाली, कोतवाली से सदर- सत्ती बाजार, जयस्तंभ चौक से शारदा, तात्यापारा से आमापारा होते हुए टाटीबंध एम्स तक। तो इधर कलेक्ट्रेट से तेलीबांधा, वीआईपी रोड चौक, कचहरी चौक से स्टेशन, फाफाडीह चौक से जयस्तंभ चौक, कालीबाड़ी से पचपेढ़ी नाका, टिकरापारा से धमतरी रोड, भगत सिंह चौक से शंकर नगर, सप्रे स्कूल से बूढ़ेश्वर मंदिर- पुरानी बस्ती से महादेव घाट रोड, लाखेनगर से आमापारा, आमापारा से स्टेशन रोड, फाफाडीह से बिलासपुर रोड, गुढ़ियारी से कोटा मार्ग आदि तमाम सड़कों के डिवाडर की एवं फुटपाथों पर खंभों में, बैनर, पोस्टर सैकड़ों की संख्या में लगे हैं। यही स्थिति प्रदेश के अन्य बड़े-मंझोले शहरों में हैं।
(लेखक डॉ. विजय)