Wed. Jul 2nd, 2025

विमानतल वाली एसी सिटी बस सेवा, आखिर फिर बंद

परिवहनअधिकरण पर दवाब..!

रायपुर।आखिर फिर वही हुआ जिसका डर था। सामान्य बस मालिकों के दबाव के चलते विमानतल से दुर्ग शुरू की गई एसी सिटी बस सेवा फिलहाल बंद कर दी गई हैं। इस पर अब परिवहन अधिकरण जल्द सुनवाई करेगा।

यहां स्पष्ट कर देना बेहद जरूरी होगा कि पूर्व में भी सामान्य बस मालिकों के विरोध के चलते (दबाव) एयरपोर्ट की एसी सिटी बसों को बंद कर दिया गया था। जबकि उक्त बस सेवा का परमिट 5 वर्षों के लिए था। नया परमिट पिछले माह जारी हुआ एवं विमानतल से दुर्ग, दुर्ग से विमानतल माना हेतु एसी सिटी बस सेवा अच्छे से संचालित हो रही थी। हवाई यात्री प्रसन्न थे। उन्हें आने-जाने में सस्ते दर पर महंगी टैक्सी के बदले सिटी बस सेवा उपलब्ध की गई थी। परंतु सामान्य बस मालिकों को हमेशा की तरह यह नागवार गुजरा। उनका आरोप है कि सामान्य यात्री भी रायपुर से दुर्ग- भिलाई, या दुर्ग-भिलाई से रायपुर तक की यात्रा, सामान्य बसों के बजाय इन एसी सिटी बसों में कर रहे हैं। जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है।

ई. ग्लोबल न्यूज इन ने पिछले माह उपरोक्त सेवा पुनः शुरू होने पर अंदेशा जताया था कि सामान्य बस मालिक आगे फिर कहीं बखेड़ा कर सकते हैं। लिहाजा सुझाव दिए थे- जिस पर शायद ना तो ध्यान दिया गया और ना ही अमल किया गया। मसलन एयरपोर्ट से दुर्ग-भिलाई, मंदिर हसौद, रायपुरा, तेलीबांधा, भाटा गांव, वाले यात्रियों का एयर टिकट जांच कर बिठाया जाए। इसी तरह दुर्ग-भिलाई से माना एयरपोर्ट (स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट ) जाने वालों का टिकट देख- टिकट न होने की दशा में उन्हें प्रवेश न दें। साथ ही सुझाया था कि सामान्य यात्री बस मालिक एवं उनके एजेंट एयरपोर्ट वाली एसी सिटी बस में खुद न जांच करें न ही यात्री को रोके। वजह केवल दुर्ग ही नहीं भिलाई, भिलाई पावर हाउस, नेहरू नगर चौक, खुर्सीपार, कुम्हारी, टाटीबंध,भाटागांव आदि तेलीबांधा, वीआईपी चौक से भी वायु सेवा यात्रा के लिए लोग चढ़ते हैं। इसी तरह उतरते हैं। लिहाजा ये नहीं माना जा सकता कि उपरोक्त पाइंटों से चढ़ने वाले सिर्फ सामान्य यात्री हैं।

दूसरी बात छत्तीसगढ़ का सबसे प्रमुख विमानतल माना है। जहां से देश भर के दर्जन भर प्रदेशों की राजधानियों के लिए उड़ान सेवा उपलब्ध है। जो यात्री 5 से से 15 हजार रुपए का विमान यात्रा किराया दे सकता है। उसके लिए एसी बस सेवा क्योंकर न दी जाए। संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर विश्वास पर चलना होगा। 10-15 हजार रुपए का किराया देने वाला सामान्य बसों में धूल, धक्के, धूप खाते नहीं जाएगा। परिवहन अधिकरण उक्त एसी बस सेवा को फौरन पुनः चलवाए एवं सुरक्षा भी उपलब्ध कराए।

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