NIT के एक छात्र ने की आत्महत्या की कोशिश, खराब हालात में भी छात्रों को नहीं उठाना चाहिए ऐसा कदम..!

सरस्वती नगर थाना पुलिस का कहना है कि छात्र घायल है और उसका इलाज एम्स में चल रहा है। पुलिस के मुताबिक छात्र ने अस्पताल में अपनी बहन और डॉक्टर से चर्चा करते हुए आत्महत्या का प्रयास करने की बात कही।
रायपुर न्यूज : एनआईटी के एक विद्यार्थी ने मंगलवार अपरान्ह पंडित रवि शंकर शुक्ला विश्व विद्यालय परिसर स्थित सूखे तालाब ज्ञान सरोवर में खुद को विस्फोटक से उड़ाने की कोशिश की। घटना में विद्यार्थी बुरी तरह घायल हो गया है। उसे उपचार हेतु पुलिस ने एम्स में भर्ती कराया है ऐसा कदम गलत संदेश देता है।
सरस्वती नगर थाना पुलिस का कहना है कि विद्यार्थी घायल हुआ है जिसका उपचार एम्स में जारी है। बकौल पुलिस विद्यार्थी ने अस्पताल में अपनी बहन एवं चिकित्सक से चर्चा में आत्महत्या की कोशिश करने की बात कही है। जांच जारी है। पुलिस और फॉरेंसिक विभाग ने घटना स्थल से बारूद बम में इस्तेमाल होने वाले लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े बरामद किए हैं। इस्तेमाल किया गया बारूद वह हो सकता है जो पटाखों में इस्तेमाल किया जाता है।
बताया जा रहा है कि अपरान्ह 3 बजे के करीब विश्वविद्यालय परिसर में लोगों ने विस्फोट की आवाज सुनी। जिससे लगा कि कोई विद्यार्थी प्रयोगिक कार्य कर रहा है। पर घायल विद्यार्थी गंभीर रूप से झुलसे होने के बावजूद जैसे-तैसे सरोवर से निकलकर सड़क पर आया तो लोगों का ध्यान गया। फिर घटना स्थल जाकर देखा। जहां पड़े बैग से स्पष्ट हुआ कि विद्यार्थी एनआईटी से है। झुलसा हुआ होने से वह बोल नहीं पा रहा था। तुरंत लोगों ने पुलिस को खबर दी। सरस्वती नगर पुलिस मौके पर तुरंत पहुंची। ओर विद्यार्थी को एम्स ले जाकर भर्ती कराया।
बताया जा रहा है कि विद्यार्थी पहले भी आत्महत्या का प्रयास कर चुका है। बहरहाल गनीमत है कि दिन का समय एवं लोगों को तत्काल जानकारी होने से पुलिस तक सूचना पहुंच गई एवं एम्स में उपचार शुरू हो गया। स्पष्ट नही हो पाया है कि घायल विद्यार्थी खतरे से बाहर है कि नही। आत्महत्या के प्रयास की जो भी वजह हो। पर शायद यह पहला मौका है जब किसी विद्यार्थी या व्यक्ति ने खुद को खत्म करने विस्फोटक तत्वों (बारूद) का सहारा लिया। इस तरह का प्रयास विद्यार्थियों के मध्य गलत संदेश देता है। एनआईटी का विद्यार्थी होने की वजह से एवं एक ब्रांच विशेष से जुड़ा होने के चलते उसने आत्महत्या के लिए विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया। क्योंकि सामग्री के उपयोग से वह अवगत था। यहां पर शिक्षकों को चाहिए कि वे अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने-लिखाने के साथ सामान्य चर्चाए भी करें। जिससे कि मनोभावों को शिक्षक पढ़-समझ सके। प्रोफेशनल कोर्स से जुड़ा विद्यार्थी इस तरह कदम उठाता है तो शिक्षाविदों को ध्यान देना होगा। साथ ही अध्ययनरत तमाम विद्यार्थियों को समझना होगा कि जीवन में पढ़ाई-लिखाई के अलावा करने को ओर भी बहुत कुछहै। सकारात्मक तौर पर सोचना होगा।