द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण: CAG रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों से नाराज हुए नितिन गडकरी

Dwarka Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के ऑडिट में द्वारका एक्सप्रेसवे की निर्माण लागत को लेकर उठाए गए सवालों पर नाराजगी जताया है। गडकरी ने इसका कारण अपने मंत्रालय के स्तर पर प्रतिक्रिया नहीं दिए जाने को लेकर बताया है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के ऑडिट में द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण लागत को लेकर उठाए गए सवालों पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जवाब दिया है।
कैग ने हाल ही में जारी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे की प्रति किलोमीटर निर्माण लागत 18.2 करोड़ रुपये के शुरुआती अनुमान से ‘बहुत अधिक’ 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर हो गई। इसे लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमलावर तेवर अपनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय गलियारा सक्षमता कार्यक्रम के तहत निर्माण पर 91,000 करोड़ रुपये की कुल लागत को परियोजना के तहत विकसित होने वाले 5,000 किलोमीटर मार्ग से विभाजित कर अपना आकलन पेश किया है |
मामला क्या है?
भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत 5,000 लेन किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे 91,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाने का प्रस्ताव 10 अगस्त, 2016 को स्वीकृत हुआ था, लेकिन इसकी निर्माण लागत बाद में काफी बढ़ गई। निर्माण लागत में आए इस उछाल पर सवाल उठने के बाद मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्र पहले ही कह चुके हैं कि कैग ने एक्सप्रेसवे के निर्माण की वास्तविक लागत को ध्यान में नहीं रखा है |
सूत्रों का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के सभी चार खंडों की औसत निर्माण लागत अनुमानों से 12 प्रतिशत कम रही। मंत्रालय के मुताबिक, यह देश में ‘एलिवेटेड’ मार्ग के रूप में विकसित होने वाली आठ लेन वाली पहली सड़क है।