विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर की झलक अब न्यूयॉर्क में…

NEW DELHI: ओडिशा के कोणार्क सूर्यदेव मंदिर के बारे में सभी लोग जानते है कि यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित हैं। यह दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सूर्यदेव के दर्शन और मंदिर अवलोकन हेतु कोणार्क आते हैं। लेकिन अब न्यूयॉर्क में भी लोग सूर्यदेव मंदिर का एक झलक देख सकते हैं। भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना ने न्यूयॉर्क शहर के प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर पर ओडिशा के प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर के पहिये की रिप्लिका का अनावरण किया। बता दे कि ओडिशा के ललितागित्री गांव के कई कलाकारों ने हस्तनिर्मित रिप्लिका पर महीनों तक काम किया है, जो बलुआ पत्थर से बना हैं। इसका वजन लगभग 4,000 पाउंड हैं।
अनावरण के इस मौके पर उनके साथ न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास रणधीर जायसवाल, इंडो-अमेरिकन आर्ट्स काउंसिल और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य भी मौजूद थे जो मंगलवार को ध्वजारोहण समारोह देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
खन्ना ने इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, “मैं इस पल के बारे में लगभग पांच वर्षों से सपना देख रहा हूं और इसकी कल्पना कर रहा हूं। भारत में काम करने वाले प्रतिभाशाली कलाकारों ने इसे जीवंत बनाने के लिए महीनों दिन-रात मेहनत की है। यह एक जादुई क्षण होगा!”
बता दे कि, आर्ट्स रिप्लिका को 2024 में खन्ना के आगामी न्यूयॉर्क सिटी रेस्तरां में भारतीय प्रवासियों और अमेरिका के बीच एकता के प्रतीक के रूप में भी प्रदर्शित किया जाएगा।
खन्ना ने कहा था कि उन्हें ओडिशा के मशहूर रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक द्वारा बनाए गए रेत के कोणार्क पहिए से प्रेरणा मिली है।
अनावरण के एक वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, पटनायक ने एक्स पर लिखा, “आपने भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर टाइम्स स्क्वायर में विश्व धरोहर स्मारक कोणार्क व्हील की रिप्लिका का अनावरण करके इतिहास रचा है। यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में योगदान के लिए एक बार फिर धन्यवाद।”
कोणार्क स्थित 13वीं सदी के सूर्य मंदिर को 12 हजार कारीगरों ने 12 साल में तैयार किया था । यह सूर्य देव के रथ को एक स्मारक के रूप में दर्शाता है जो यूनेस्को द्वारा नामित विश्व धरोहर में शामिल है।
रथ के 24 पहियों को प्रतीकात्मक डिजाइनों से सजाया गया है। रथ को समय के प्रतीक सात घोड़े खींच रहे हैं।