आजादी का पर्व निकट, बाजार रंगा.. ! तिरंगा

शनि-रवि ग्राहकी उमड़ेगी
रायपुर।आजादी का पर्व यानी स्वतंत्रता दिवस को अब 4 रोज रह गए हैं। समूचा देश 15 अगस्त, मंगलवार को अपनी आजादी की 76वीं वर्षगांठ मनाएगा। इस हेतु तैयारी शुरू हो गई हैं।
राजधानी समेत प्रदेश के हाट-बाजारों में आजादी के पर्व संबंधी चीजें सजने-धजने लगी हैं। तिरंगा छोटे- मंझोले वृहद रूप में उपलब्ध है। सूती का तिरंगा सबसे अच्छा माना जाता है। आमतौर पर खादी ग्रामोद्योग विभाग इसे बनता है ओर इसके उत्पाद की तमाम सरकारी संगठनों, प्रतिष्ठानों में मांग रहती है। स्वाभाविक है कि ग्रामोद्योग के कर्मी डेढ़- दो माह से व्यस्त हैं।
इधर बाजार में थोक व्यापारियों की दुकानें झंडे, टी-शर्ट, (तीन रंग) टोपी (तिरंगा) ओढ़नी (तिरंगा) विविध प्रकार की साइज के तिरंगे बैच, स्टीकर, राष्ट्रभक्ति पूर्ण स्लोगन लिखे स्टीकर, रिस्ट बैंड की भरमार है। तो वही साज-सजावट के लिए तीन रंगों से तैयार झालर, झण्डिया, गुब्बारे, चकरी, फिलफिली आदि। ऑटो रिक्शा एवं बस वालों को झण्डिया, छोटे ध्वज पसंद आ रहे हैं। जिससे वे वाहन में सजावट कर रहे हैं जो ग्राहक प्रभावित(आकृष्ट) करने का एक तरीका है। होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं संस्कृति संगठनों के दफ्तरो में साज-सजावट शुरू हो गई है। वार्डों में जवाबदारी पार्षदों की रहेगी।
राजधानी के अंदर मालवीय रोड समेत गोल बाजार एवं अन्य स्थानों के छोटे-मंझोले दो दर्जन बाजार आजादी की याद दिलाने वाली उपरोक्त सामग्रियों से भरे पड़े हैं। थोक वालों से चिल्लर वालों ने पहले से बात कर एडवांस छोड़ रखा था। अब माल उठा रहे हैं।
परंतु प्रतिबंधित प्लास्टिक के झंडे अन्य उत्पाद भी चोरी-छिपे बेचे जा रहे हैं। और पुलिस-प्रशासन फिलहाल जांच-पड़ताल नहीं कर रही है। उधर फुटकर व्यवसायियों ने भी माल उठा लिया है। अगले 5 दिन जमकर धंधा होने की उम्मीद संबंधित छोटे-मंझोले बड़े व्यापारियों को है। ग्राहकी शनिवार- इतवार को उमड़ पड़ेगी।