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पाकिस्तान की संसद आधी रात को हुई भंग, पीएम शहबाज़ की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

कराची। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की सलाह पर 9 अगस्त को देर रात नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 58-1 के तहत ऐसा किया है। नेशनल असेंबली के भंग होते ही प्रधानमंत्री का मंत्रिमंडल भी भंग हो गया है, लेकिन कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त होने तक प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ अपने पद पर बने रहेंगे।

संसद 3 दिन पहले क्यों की गई भंग..?

पाकिस्तान की संसद (नेशनल असेंबली) पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले ही भंग हो गई है। दरअसल पाकिस्तान में नियम है कि यदि नेशनल असेंबली अपना कार्यकाल पूरा करती है तो चुनाव आयोग को दो महीने के अंदर देश में नए चुनाव कराने होंगे। यदि असेंबली कार्यकाल पूरा हुए बिना भंग कर दी जाती है तो आयोग के सामने 90 दिन में चुनाव कराने की बाध्यता होती है। यानी उसे 30 दिन और मिल जाते हैं।

जल्द चुनाव चाहती है इमरान की पार्टी

देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ देश में जल्द से जल्द चुनाव चाहती है, जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन जितना लंबा हो सके, चुनाव टालना चाहता है। राष्ट्रपति अल्वी चूंकि इमरान के करीबी हैं इसलिए शरीफ सरकार को संदेह था कि वह समय से पहले नेशनल असेंबली भंग करने का सरकार का प्रस्ताव नहीं मांगेंगे। इसलिए उसने यह चाल चली।

कार्यवाहक सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू

शहबाज शरीफ की इस सिफारिश के साथ ही पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दरअसल पाकिस्तान में नियम है कि चुनाव तटस्थ सरकार के जरिये कराए जाते हैं। इसलिए नेशनल असेंबली के पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए सिरे से कार्यवाहक सरकार चुनी जाती है।

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