CM बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर बस्तर जिले को दी 637 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर में विश्व आदिवासी दिवस पर जिलेवासियों को 637 करोड़ रुपए से अधिक की लागत के 2300 विकास कार्यों की सौगात दी। इनमें 486 करोड़ 70 लाख 76 हजार रुपये लागत के 1838 कार्यों का भूमिपूजन तथा 150 करोड़ 32 लाख रुपए लागत के 462 कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।

संस्कृति और परंपरा के संरक्षण-संवर्धन का प्रयास

जगदलपुर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मां दंतेश्वरी को नमन करते हुए विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय के देवी देवताओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सबसे पहले विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश देने की शुरुआत की है। आदिवासी परब सम्मान निधि की दूसरी किश्त जारी की गई है। यह पहली बार हुआ है कि आदिवासियों के जो त्यौहार हैं, परब हैं, उसके लिए सम्मान निधि 10 हजार रुपये सालाना देने का निर्णय लिया, ताकि आदिवासी भाई बहन उल्लास के साथ अपने त्यौहार परब मना सकें।

भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और परंपरा के संरक्षण संवर्धन का हमारा प्रयास है। बस्तर में 2100 देवगुड़ी बनकर तैयार हैं। नारायणपुर, अबुझमाड़ में मसाहती पट्टा दे रहे हैं। 67 प्रकार के वनोपजों के समर्थन मूल्य घोषित कर उनकी खरीदी की जा रही है। वनवासियों के जेब में लगातार पैसे डाले जा रहे हैं। आदिवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का काम किया है।

आदिवासियों के कारण बचे जंगल

CM बघेल ने कहा कि हजारों साल से जंगल से आदिवासियों का नाता रहा है। जो जंगल आज बचा है वह आदिवासी भाइयों के कारण बचा है, वही उनके साथ जीवन यापन करते हैं, उसे सुरक्षित रखते हैं। यही कारण हैं कि हम लोगों ने सर्वाधिक वन अधिकार पट्टा पूरे देश में देने का काम किया है। हमने लोगों को सामुदायिक दावा अधिमान्य पत्र दिया। वन संसाधन अधिकार भी उनको दिया है। अब तो व्यक्तिगत दावा है, उसमें ऋण पुस्तिका भी बनने लगा है, उसमें लोन भी मिलने लगा है और उसमें धान की फसल बेचने का अधिकार मिला है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्भागीय मुख्यालय जगदलपुर में 100 करोड़ का इंडोर स्टेडियम की घोषणा भी की।

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