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दैवेभो- संविदा, खिचड़ी पक रही है…. !

कार्य पर लौटे कर्मियों के चेहरे पर विजय की किरण

रायपुर। पूरे एक माह हड़ताल बाद विभागों में काम पर लौटे संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के चेहरों पर शीघ्र मिलने वाली जीत की झलक दिखाई देने लगी है। वे काम में इसी प्रत्याशा में मुस्तैदी से जुट पेंडिग वर्क निभाने लगे हैं।

गौरतलब हो कि सर्व विभागीय संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एक माह तक अनिश्चितकालीन हड़ताल में डटे रहे थे। वे नियमितीकरण की मांग लगातार दोहराते रहे हैं। इनकी संख्या 45 हजार ऊपर बताई जाती है।

तूता, नवा रायपुर धरना स्थल पर इन्होंने अलग-अलग प्रकार से प्रदर्शित किया। इस बीच हाल ही में राज्य शासन ने इनके मानदेय या वेतन में 27 फीसदी इजाफा कर लुभाने की चेष्टा की थी। परंतु कर्मी प्रदर्शन पर डटे रहे थे। यहां तक की एस्मा को भी ठेंगा दिखा सरकार को चुनौती दी थी। कार्य पर लौटने या बर्खास्तगी की चेतावनी को दरकिनार कर प्रदर्शनरत रहें थे।

इसी बीच राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा- दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की सूची मंगवाई है। साथ ही तीन चरणों में सूची 2004, 2010 से 2018 एवं 2018 से 2023 के मध्य वाली स्थितियों की।

खैर ! सूची मंगवाने के कार्यवाही मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय पर की जा रही है। इससे यह चर्चा तेजी से फैली कि मांग के संदर्भ में खिचड़ी पक रही है। शीघ्र ही बांटी जाएगी। यानी सरकार शीघ्र ही तमाम विभागों के चतुर्थ-तृतीय वर्ग के संविदा कर्मियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित करने जा रही है
वरिष्ठता आधार पर तीन सूची उक्त वित्तीय वर्षों वाली बनेगी। देखना है कि सबको नियमित किया जाता है या क्रमबद्ध तरीके से आगामी वर्षों में। हालांकि अभी तक नियमितीकरण की घोषणा नहीं हुई है। शायद किसी मुहूर्त विशेष समय-मौके का इंतजार किया जा रहा है। उक्त सुगबुगाहट अंदर की छनकर बाहर आती बातों के आधार पर सर्वविभागीय संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से 2 दिन पूर्व देर रात चर्चा उपरांत अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी।

खैर ! जो हो- इधर यह कहते बताते हुए कि सरकार नियमितीकरण संदर्भ में ही सूची मंगा रही है। यानी पहल कर रही हैं। लिहाजा हड़ताल स्थगित। 2 दिनों पूर्व कार्य पर लौटे कर्मियों का मूड बदला-बदला सा दिख रहा है तनाव एकदम से गायब है।चेहरों की रंगत बदली चेहरों पर विजय की किरण नजर आ रही है। मानो सेमी फाइनल जीत लिया हो ( 27% बढ़ा वेतन) अब फाइनल रह गया हो। घोषणा वे विभागों के आलाधिकारियों का विशेष ध्यान रख-कार्य में मुस्तैदी दिखा रहे हैं। पेंडिंग वर्क को अतिरिक्त वक्त देकर खुद पूरा कर रहे हैं। दरअसल सारी कवायद संभाविता नियमितीकरण हेतु तैयार होने वाली सूची में वरिष्ठता आधार पर शामिल होने की जा रही है।

बहरहाल दफ्तरों में माहौल बदला सा हुआ है। सूची बनाने की सुगबुगाहट एवं पतासाजी की कोशिशें दिख रही हैं। माना जा रहा है कि 15 अगस्त के करीब घोषणा ततसंदर्भ में हो सकती है। या कोई विशेष आलाकमान पदाधिकारी आदि की मौजूदगी में। फिलहाल खिचड़ी पक रही है।

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