Bombay High Court: चलती कोर्ट में जज ने दिया इस्तीफा, मांगी सभी लोगों से माफी….

Mumbai: बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली। हाईकोर्ट के जस्टिस अपनी कोर्ट में आए। जब कोर्ट चल रही थी तो उन्होंने अचानक अदालत में मौजूद सभी लोगों से माफी मांगी और फिर कहा कि वो अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं। नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति देव ने कई वकीलों की मौजूदगी में अदालत में यह एलान किया, जिसके बाद आज दिन के लिए उनके मामले खारिज कर दिए गए।

अदालत कक्ष में मौजूद एक वकील के मुताबिक न्यायमूर्ति देव ने इस्तीफा देने के अपने फैसले के पीछे का कारण नहीं बताया लेकिन कहा कि वह ‘अपने आत्मसम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकते।’ न्यायमूर्ति देव ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा को कथित माओवादी संबंध मामले में 2022 में बरी कर दिया था और उन पर सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत वैध मंजूरी के अभाव में मुकदमे की कार्यवाही ‘अमान्य’ थी।

हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक लगा दी थी और उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति देव ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र सरकार के तीन जनवरी के प्रस्ताव (जीआर) के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी जिसके तहत राज्य को नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे के निर्माण या निष्पादन कार्य में लगे ठेकेदारों द्वारा लघु खनिजों के अवैध उत्खनन से संबंधित राजस्व विभाग द्वारा शुरू की गई दंडात्मक कार्यवाही को रद्द करने का अधिकार दिया गया था।

शुक्रवार को उन्होंने अदालत में मौजूद वकीलों से कहा कि वह चाहते हैं कि वे कड़ी मेहनत जारी रखें। न्यायमूर्ति देव ने कई मौकों पर उनके साथ सख्ती बरतने के लिए माफी मांगी। न्यायमूर्ति देव को जून 2017 में बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले न्यायमूर्ति देव ने 2016 में महाराष्ट्र सरकार के लिए महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया।

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