मौसम में नमी के बीच भुटटों का लुत्फ उठा रहे लोग
रायपुर। मौसम के ठंडा होते ही एक बार फिर भुटटों की मांग बढ़ गई है। गांवों एवं शहर के बाहरी हिस्सों से खेतों, बाड़ियों में लगाए भुटटा लेकर ग्रामीण जन यहां पहुंच रहें हैं।
दरअसल हल्की या रिमझिम बारिश के मध्य गरमा-गरम कोयला से सिका हुआ नींबू-नमक रगड़े भुटटे का कहना ही क्या। इस लुत्फ उठाने लोग घरों से निकल चौक- चौराहे पहुंच रहे हैं। ठेलों, नुक्क्ड़ों, खोमचो तक में सिगड़ी पर सिके भुटटों की अच्छी खपत है।
आमतौर पर कच्चे भुटटे 10 से 15 रुपए 20 रुपए तक की दर पर बिक रहा है। सघन- मोटे दानों वाला 15 -20 रुपए का है। ग्रामीण जन बोरो में भर सायकल ,टोकरी में ला रहें हैं। वे सड़कों- चौराहों के किनारे बैठ कर छाता लगा धंधा कर रहें हैं।
इन्हीं से या थोक बाजार में ठेले वाले कुछ कम दर में थोक में भुटटा सिगड़ियों में सेक बेच रहें हैं। वे 15- 20 से लेकर 20-25 रुपए दर पर भुटटा बेच रहे हैं। एक ठेला वाला दोपहर से देर शाम के बीच 50- 60 से 100 भुटटे बेच ले रहा है। जबकि ग्रामीण किसान जन थोक में 200 से 500 भुटटे एवं चिल्हर में 50 से 75 भुटटे औसतन बेच लेते हैं। मौसमी धंधा करने वाले ये लोग आमतौर पर घर खर्च हेतु ठीक-ठाक धंधा होने पर 300 -400, 500 रुपए अधिकतम बना पाते हैं। खैर ! इन दिनों बच्चे, बड़े, जवान, वृद्धजन तक गरमा-गरम भुटटे का आनंद ले रहे हैं।