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Railway safety : ट्रेन में अकेले महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं! ‘मेरी सहेली टीम’ रखेगी आपका पूरा ध्यान

Railway safety : आरपीएफ की मेरी सहेली टीम इन दिनों ट्रेनों में महिला यात्रियों से उनकी खैरियत पूछकर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिला रही है। टीम खासतौर से ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिलाओं पर नजर रखती है और उनसे सहेली बनकर बात करती है। उनसे यह जानने का प्रयास करती है कि सफर के दौरान उन्हें कोई परेशानी तो नहीं हो रही।

दर्द से परेशान महिला को पहुंचाया अस्पताल
टीम ने तीन महीने पहले प्लेटफॉर्म दो- तीन पर एक तीन बच्चियों की मां को मुरार जच्चा पहुंचाया। जहां पर उस महिला ने बच्चे को जन्म दिया। यात्रियों द्वारा आरपीएफ को बताया गया कि महिला दर्द से तड़प रही है। जब मेरी सहेली की दो महिलाओं द्वारा एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।

रोज 20 से 25 ट्रेनों में महिला यात्रियों को चैक करती है टीम
ट्रेन में अगर कोई महिला अपनी परेशानी बताती है तो टीम उसकी मदद कर परेशानी दूर करती है। इस दौरान महिला यात्रियों को ट्रेन में सुरक्षित सफर के तरीके बताकर जागरूक भी किया जाता है। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मेरी सहेली टीम प्रतिदिन लगभग 20 से 25 ट्रेनों में महिला यात्रियों को चैक करती है। ट्रेन में कोई परेशानी होने पर महिला यात्री मेरी सहेली टीम को बताने के अलावा रेलवे के 139 नंबर पर भी कॉल कर सकती हैं। इससे आरपीएफ की हेल्पलाइन पर सूचना पहुंचती है। आरपीएफ में ग्वालियर पोस्ट में 13 महिला कर्मचारी हैं। इन सभी की बारी- बारी से ड्यूटी लगती है।

ऐप से मिलती है जानकारी
ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं की जानकारी मेरी सहेली टीम को रेल प्रेहरी ऐप से मिलती है। जैसे कोई ट्रेन भोपाल से चली तो रेल ऐप से यह अकेली सफर कर रहीं महिला यात्रियों की सूची तैयार कर लेती हैं। इन महिलाओं की खैरियत भोपाल, झांसी, ग्वालियर और आगरा आदि बड़े स्टेशनों पर पूछी जाती है।

यह भी करती है टीम
आरपीएफ की मेरी सहेली टीम ट्रेन में शिशु जन्म के दौरान गर्भवती महिलाओं की सहायता करने के साथ, घर से रूठकर आने वाली महिला यात्रियों व रास्ता भटक जाने वाली महिलाओं के लिए मददगार साबित होती हैं।

ऐसे काम करती टीम
मेरी सहेली टीम ट्रेन के कोच में महिला यात्रियों से जाकर उनकी खैरियत पूछती है। जैसे आप कहां जा रही हैं, आपको कोई परेशानी तो नहीं है। महिला यात्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत किसी कोच में सीट बदलने के साथ ट्रेन में सामान की देखरेख की रहती है।

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