बिटिया के व्यवहार से क्षुब्ध, मां-बाप ने की खुदकुशी.. !

पहचानने तक से किया था इंकार
रायपुर। अगर अपनी ही औलाद सार्वजनिक तौर पर चार प्रतिष्ठित लोगों के आगे मां-बाप को पहचानने से नकार दे तब क्या गुजरती होगी अभिभावकों पर..? उत्तर है- “जड़वत” !
राजस्थान के एक शहर में 2 दिन पूर्व रोज की तरह एक युवती सुबह कालेज जाने तैयार होती है। मां नाश्ता खिलाकर लंच बाक्स देती है। बाप से जेब खर्च वास्ते पैसा लेती है। दोनों से शाम से पहले जल्दी आने के बात कह कालेज निकल पड़ती है। इधर बाप अपने काम पर चले जाते हैं तो मां घर गृहस्थी के काम में मशगूल हो जाती हैं। शाम हो नहीं पाती कि पुलिस स्टेशन से बाप के पास फोन आता उन्हें पत्नी संग थाने उपस्थित होने का आग्रह पुलिस आलाधिकारी करते हैं।
आनन-फानन में सज्जन पत्नी को ले थाने पहुंचते हैं। जहां पता चलता है कि जो बिटिया को सुबह कालेज जाने के नाम से घर से निकली थी। उसने दीगर जाति के युवक से शादी कर ली है। और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची है कि उसकी जान को खतरा गैरों नहीं बल्कि परिजनों से हैं।
थाने में युवक-युवती संग पुलिस के आलाधिकारी बैठे थे जिसमें से एएएसपी, डीएसपी, एसपी शामिल थे। बिटिया के आगे मां-बाप ने शादी छोड़ घर चलने को कहा। जिस पर बिटिया ने उन्हें पहचानने से साफ इंकार कर दिया। साथ जाना तो दूर रहा। शहर में मां बाप की प्रतिष्ठा थी। बेटी के आगे वे गिड़गिड़ाए घर-परिवार, समाज का वास्ता दिया पर बिटिया ने पहचानने से ही इंकार कर दिया।
बेटी के उक्त बर्ताव से मां-बाप वही जड़वत हो गए। यानी जैसे कि बैठे-बैठे या खड़े-खड़े क्षण भर में मर जाना। किसी तरह पुलिस अधिकारियों ने उन्हें घर छोड़ा। पर बिटिया उस युवक के साथ चली गई जिससे आंखें चार करके चंद घंटे पहले शादी की थी। जिसके लिए उसने मां-बाप को सार्वजनिक तौर पर चार प्रतिष्ठित अधिकारियों के आगे बेशर्मी की हद पार कर पहचानने से इंकार कर दिया था।
नए जमाने की नई पीढ़ी, पिक्चर अभी बाकी है। रात में स्टेशन जाकर मां-बाप ट्रेन के आगे कूद गए। दोनों की कटने से मौत हो गई। उधर लड़की का भाई शाम-रात से सुबह तक गायब था। बहन की करतूत के बाद से लापता है, जिसे ढूंढा जा रहा है।
अधेड़ावस्था पर खड़ी पड़ी पीढ़ी, ढलती पीढ़ी यह जान ले एवं अपने साथ की पीढ़ी वालों को बताए उक्त खबर कि ये सब कुछ आजकल हो रहा है। अब किस पर भरोसा करें। बहुत जरूरी है कि उपरोक्त दोनों पीढ़ी नई पीढ़ी की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखें। क्योंकि नई पीढ़ी कब क्या, कुछ कर जाए इसका अंदाजा चंद घण्टे पहले तक नहीं लगाया जा सकता। ये नई पीढ़ी की ज्वलंत परिभाषा- पिक्चर है जो कथित शादी के चंद घंटे बाद कथित तरोताजा पति-पत्नी के चक्कर में मां-बाप (यानि जड़) को पहचाने से स्पष्ट इंकार कर देती है। दुर्भाग्य, उक्त घटना एक बानगी है, कई पिक्चर आना बाकी है।