Opposition Meeting: बीच PC से उठकर चली गईं ममता बनर्जी, विपक्षी ‘झगड़े’ पर जबरदस्त चर्चा
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Opposition Meeting: पटना में विपक्षी दलों की एक महाबैठक हुई। इस बैठक में 15 दलों के नेताओं ने भाग लिया। इस मीटिंग में जहां नरेंद्र मोदी को सत्ता से दूर रखने के लिए चर्चा हुई तो वहीं कुछ दलों के मीटिंग से चले जाने की बात भी सुर्खियों में है। दरअसल मीटिंग के बाद विपक्षी दलों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कई दलों के नेता नदारद रहे।
इस प्रेस कांफ्रेस में जो दल नहीं रहे उनमें आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, भगवनंत मान और संजय सिंह शामिल हैं। वहीं प्रेस कांफ्रेंस के बीच टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी जाते देखा गया। अब इसको लेकर विपक्षी एकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि विपक्षी एकता के नाम एक मंच पर आए विपक्षी दलों का झगड़ा सामने आ रहा है।
सोशल मीडिया पर है चर्चा
ममता बनर्जी के बीच पीसी से जाने की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब है। लोगों का कहना है कि नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आने को राजी तो हुई हैं, लेकिन उनके अपने निजी विवाद उनकी एकता को तार-तार कर रहे हैं। इस तरह से विपक्षी झगड़ा खुलकर सामने आ रहा है।
ममता ने रखी थी अपनी बात
फिलहाल ममता बनर्जी ने जाने से पहले अपनी बात मीडिया के सामने रख दी थी। जाने के साथ ही उन्होंने मीटिंग में बैठे नेताओं का अभिवादन भी किया। बताया जा रहा है कि वो अपने बिजी शेड्यूल के चलते अधिक समय नहीं दे पाईं। लेकिन सोशल मीडिया पर इसको लेकर तमाम तरह की बातें हो रही है। लोग विपक्षी एकता पर सवाल खड़े रहे हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि आप नेता मीटिंग में तो दिखे लेकिन प्रेस कांफ्रेंस से नदारद रहे।
ओवैसी ने उठाया सवाल
मालूम हो कि इस बैठक में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से भी कोई नेता शामिल नहीं हुआ था। मीटिंग को लेकर ओवैसी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने विपक्षी मंच पर सवाल उठाते हुए कहा, “उस बैठक में शिवसेना है। क्या वे सेक्युलर हो गए हैं? उस बैठक में दिल्ली के CM हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भाजपा का समर्थन किया था। उस बैठक में नीतीश कुमार हैं जो NDA के तरफ से मुख्यमंत्री रहे हैं।”
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम भी नहीं चाहते के 2024 में देश के प्रधानमंत्री मोदी बने लेकिन जो पार्टियां विरोध कर रही हैं, उनका ट्रैक रिकॉर्ड क्या है? कांग्रेस आगे रहना चाहती है, नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का ख़्वाब देख रहे हैं।