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CG News: हड़ताल पर 4.5 लाख से ज्यादा सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, कामकाज ठप्प

प्रदेश में छत्तीसगढ़ कर्मचारी एवं अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर करीब 4 लाख 50 हजार शासकीय कर्मचारी-अधिकारी 3 दिवसीय हड़ताल पर हैं। इस कारण सोमवार को प् …और पढ़ें.और पढ़ें

रायपुर: प्रदेश में सोमवार से शुरू हुई तीन दिवसीय हड़ताल ने सरकारी तंत्र की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। छत्तीसगढ़ कर्मचारी एवं अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर करीब 4 लाख 50 हजार शासकीय कर्मचारी-अधिकारी काम छोड़कर आंदोलन में उतर आए।

पहले ही दिन राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में असर इतना गहरा दिखा कि कलेक्ट्रेट, तहसील, नगर निगम से लेकर स्कूल और अस्पताल तक कामकाज लगभग ठप नजर आया। दफ्तरों में कुर्सियां खाली रहीं और अपने जरूरी काम लेकर पहुंचे लोग निराश होकर लौटते रहे। नईदुनिया टीम ने रायपुर के तहसील, कलेक्टर कार्यालय, नगर निगम और प्रमुख अस्पतालों की पड़ताल की। अधिकांश कार्यालय खुले जरूर थे, लेकिन अंदर सन्नाटा पसरा रहा।

राजस्व न्यायालय में मिली पेशी, सुनवाई नहीं हुई

हड़ताल का असर सिर्फ दिखा ही नहीं, बल्कि आंकड़ों में भी साफ नजर आया। राजस्व न्यायालयों में आज सुनवाई के लिए कुल 6478 प्रकरण तय थे। इनमें से केवल 1811 प्रकरणों की ही सुनवाई हो सकी। 4667 प्रकरण बिना सुनवाई के शेष रह गए।

इसी तरह रजिस्ट्री कार्यालयों में सोमवार को 325 दस्तावेजों के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट दिए गए थे, लेकिन एक भी दस्तावेज की रजिस्ट्री नहीं हो सकी। रायपुर तहसील और कलेक्टर कार्यालय खुले रहे, पर आवेदकों को पेशी के लिए बुलाए जाने के बावजूद किसी भी प्रकरण में सुनवाई नहीं हो पाई।

11 सूत्रीय मांगों को लेकर मैदान में कर्मचारी

फेडरेशन महंगाई भत्ता, चार स्तरीय वेतनमान, 300 दिन का अर्जित अवकाश नकदीकरण सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से मांगें लंबित हैं, कई बार सरकार का ध्यान दिलाया गया, लेकिन ठोस निर्णय नहीं हुआ। ऐसे में हड़ताल आखिरी विकल्प बचा।

दफ्तरों में सन्नाटा, आम लोग भटकते रहे

सोमवार सुबह से ही मंत्रालय, कलेक्ट्रेट, तहसील, विकासखंड कार्यालयों में आम लोगों की भीड़ तो थी, लेकिन काम करने वाला कोई नहीं। जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन, राजस्व प्रकरण जैसे जरूरी काम अटक गए। कई लोग दूर-दराज से आए थे, जिन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

अस्पतालों में संविदा कर्मियों के भरोसे इलाज

स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर साफ दिखा। जिले में 200 से अधिक नियमित स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं। सुबह 11.30 बजे डॉ. आंबेडकर अस्पताल में कामकाज सीमित रूप से चलता नजर आया। स्टाफ नर्सों ने बताया कि नियमित कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जबकि संविदा कर्मी किसी तरह सेवाएं संभाल रहे हैं। दोपहर 12.20 बजे भाठागांव स्थित हमर अस्पताल में मरीजों की लंबी कतार दिखी। यहां एक मेल नर्स और नर्सिंग छात्र-छात्राएं मोर्चा संभालते नजर आए।

नगर निगम कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

हड़ताल के समर्थन में रायपुर नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। दोपहर के भोजन अवकाश के दौरान इनडोर स्टेडियम के पीछे धरना स्थल पर भी कर्मचारी जुटे। नगर निगम अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष प्रमोद जाधव ने बताया कि सभी जोनों में कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं। आवश्यक सेवाएं जारी हैं, लेकिन 31 दिसंबर को प्रस्तावित रैली और प्रदर्शन से निगम के कार्य आंशिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

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