Wed. Dec 3rd, 2025

दिल्ली समेत कई राज्यों के एयरपोर्ट पर GPS से छेड़छाड़, सरकार ने सदन में बताया

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरपु ने जानकारी दी है कि जीपीएस आधारित लैंडिंग प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते वक्त दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास जीपीएस स्पूफिंग की सूचना दी है।

 

भारत की राजधानी नई दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर GPS स्पूफिंग के मुद्दे पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरपु ने सोमवार को सदन में जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि IGI एयरपोर्ट पर के आसपास कुछ उड़ानों ने जीपीएस स्पूफिंग की सूचना दी थी। उन्होंने जानकारी दी है कि देश के कई अन्य एयरपोर्ट्स पर भी जीपीएस स्पूफिंग और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) में हस्तक्षेप की शिकायत सामने आई है। आइए जानते हैं कि मंत्री राम मोहन नायडू ने इस बारे में सदन को क्या कुछ बताया।

नागरिक उड्डयन मंत्री ने क्या बताया?

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा- “कुछ उड़ानों ने रनवे 10 पर पहुंचने के दौरान GPS आधारित लैंडिंग प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते हुए IGI एयरपोर्ट , नई दिल्ली के आसपास GPS स्पूफिंग की सूचना दी है। रनवे 10 पर के पास आने वाले जीपीएस स्पूफ वाली उड़ानों के लिए आकस्मिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया गया था। अन्य रनवे पर पारंपरिक नेविगेशनल सहायता चालू थी इस कारण से उड़ानों की गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। डीजीसीए ने हवाई क्षेत्र में जीएनएसएस (Global Navigation Satellite System) में हस्तक्षेप को लेकर एडवाइजरी सर्कुलर जारी किया था। इसके अलावा डीजीसीए ने IGI एयरपोर्ट के आसपास जीपीएस स्पूफिंग/जीएनएसएस हस्तक्षेप घटनाओं की वास्तविक समय रिपोर्टिंग के लिए एसओपी भी जारी की है।”

कई अन्य एयरपोर्ट से भी मिली शिकायत

मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया-” हाई लेवल बैठक के दौरान वायरलेस निगरानी संगठन (WMO) को डीजीसीए और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा शेयर किए गए अनुमानित स्पूफिंग स्थान की डिटेल के आधार पर स्पूफिंग के स्रोत की पहचान करने के लिए अधिक संसाधन जुटाने का निर्देश दिया गया था। डीजीसीए ने नवंबर 2023 से जीपीएस जैमिंग/स्पूफिंग के मामलों  को रिपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद देश के अन्य प्रमुख हवाई अड्डों से नियमित रिपोर्ट मिल रही हैं। कोलकाता, अमृतसर, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर और चेन्नई हवाई एयरपोर्ट से जीएनएसएस (Global Navigation Satellite System) में हस्क्षेप की रिपोर्ट मिल रही है।”

सरकार सुरक्षा के लिए क्या कर रही?

मंत्री राम मोहन नायडू ने सदन में जानकारी दी है- “पारंपरिक (ग्राउंड बेस्ड) नेविगेशन और सर्विलांस बुनियादी ढांचे के साथ मिनिमम ऑपरेटिंग नेटवर्क (MON) को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस के अनुसार बनाए रखा गया है। भारत नई कार्यप्रणाली और तकनीक से अवगत रहने के लिए ग्लोबल प्लेटफार्म्स में भाग ले रहा है। इसके अलावा, एविएशन क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा के वैश्विक खतरे रैंसमवेयर/मैलवेयर के रूप में हैं। वैश्विक खतरों के खिलाफ साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया आईटी नेटवर्क और बुनियादी ढांचे के लिए एडवा्स्ड साइबर सुरक्षा उपाय लागू कर रहा है। ये कदम नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी) और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) के दिशानिर्देशों के अनुसार उठाए गए हैं।” मंत्री ने आगे कहा- “साइबर सुरक्षा लगातार अपग्रेड से सुनिश्चित होती है। जैसे-जैसे खतरे की प्रकृति और प्रकार बदल रहा है, नए सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं।”

क्या होती है GPS स्पूफिंग?

दरअसल, GPS स्पूफिंग साइबर हमले का एक ऐसा रूप है जिसमें किसी विमान को गुमराह करने के लिए गलत जीपीएस सिग्नल को पैदा किया जाता है। इसके कारण नेविगेशन के सिस्टम गुमराह हो जाते हैं और विमानों के लिए बेहद खराब स्थिति बन जाती है। बीते मार्च महीने में भारत ने राहत सामग्री और बचाव दल को ले जाने के लिए म्यांमार में 6 सैन्य विमान भेजे थे। इनमें से अधिकतर विमानों को जीपीएस स्पूफिंग की समस्या झेलनी पड़ी थी।

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