दिल्ली ब्लास्ट केस में नया सुराग! पुलिस को लाल EcoSport की तलाश, 5 टीमें छान रही हैं राजधानी
दिल्ली ब्लास्ट मामले में दिल्ली पुलिस ने लाल EcoSport कार की तलाश में अलर्ट जारी किया है. संदिग्धों के पास i20 के अलावा यह कार होने का शक है. दिल्ली पुलिस की 5 टीमें इसकी तलाश में हैं, और यूपी व हरियाणा पुलिस को भी सूचित किया गया है.
दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दिल्ली पुलिस ने एक कार को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसकी पूरी दिल्ली में तलाश की जा रही है. संदिग्ध कार लाल रंग की EcoSport है, जिसका नंबर DL10CK0458 है और उमर के नाम पर है, जो कि इसका दूसरा मालिक था. पुलिस की 5 टीमें इस कार की तलाश में जुटी हुई हैं. जांच में सामने आया कि संदिग्धों के पास i20 के अलावा एक और लाल रंग की EcoSport भी थी. आइए जानते हैं इस कार को लेकर और क्या खुलासा हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक, इस कार का पहला मालिक देवेंद्र है. उमर कार का दूसरा मालिक था. i20 कार जिसमें ब्लास्ट हुआ था, उसकी ओनरशिप में भी देवेंद्र नाम सामने आया था. पुलिस चेक कर रही है कि ये वही देवेंद्र है या कोई और. दिल्ली पुलिस ने राजधानी के सभी कार डीलर और वर्कशॉप से संपर्क किया है. पुलिस को इस बात की भी आशंका है कि कहीं EcoSport कार का रंग वर्कशॉप के जरिए बदल न जाए.
यूपी और हरियाणा पुलिस को भी भेजा गया अलर्ट
दिल्ली के सभी पुलिस स्टेशन, पुलिस पोस्ट और बॉर्डर चेकिंग पर लाल इको स्पोर्ट कार की तलाश के लिए अलर्ट किया गया है. साथ ही यूपी और हरियाणा पुलिस को भी इस लाल कार को लेकर अलर्ट भेजा गया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, एक लाल रंग की इको स्पोर्ट कार को लेकर अलर्ट आया था कि ये गाड़ी भी इनके साथ हो सकती है. पुलिस ने चेक किया. i-20 कार के साथ ये गाड़ी कही नहीं दिखी है. पुलिस अभी भी इसकी तलाश में जुटी है.
अल फलाह यूनिवर्सिटी का बड़ा बयान
उधर, अल फलाह यूनिवर्सिटी का इस मामले में बड़ा बयान आया है. यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि विस्फोट मामले में अरेस्ट दो डॉक्टरों और मुख्य संदिग्धों से उसका कोई संबंध नहीं है. सिवाय इसके कि इन लोगों ने यूनिवर्सिटी में अपनी क्षमता में काम किया. विश्वविद्यालय की कुलपति भूपिंदर कौर आनंद ने कहा, हम इस घटना से बेहद दुखी हैं और निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं घटनाओं से प्रभावित निर्दोष लोगों के साथ हैं.
उन्होंने कहा, यूनिवर्सिटी से जुड़े 2 डॉक्टरों को एजेंसियों ने हिरासत में लिया है. हम ये साफ करना चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी का इन लोगों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि ये आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे थे. विश्वविद्यालय जांच अधिकारियों को सहयोग दे रहा है. ताकि देश की सुरक्षा से संबंधित मामले में निष्पक्ष और निर्णायक फैसले पर पहुंच सकें.
30 अक्टूबर को पकड़ा गया था मुज़म्मिल
बता दें कि अल फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाले कश्मीरी डॉक्टर द्वारा किराए पर लिए गए 2 कमरों से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद हुआ था. धौज और फतेहपुर तगा गांवों में डॉ. मुज़म्मिल (35) के पास से विस्फोटक और हथियार बरामद हुए थे. उसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली विस्फोट की जांच में पता चला है कि इसका संबंध फरीदाबाद में उजागर हुए कथित आतंकी मॉड्यूल से है.

