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छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे डॉग बाइट के मामले, सरकारी अस्पतालों में नहीं एंटी रेबिज डोज; मरीज परेशान

छत्तीसगढ़ में डॉग बाइट के हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन प्रदेश के प्रमुख शहरों में एंटी रेबिज इंजेक्शन की डोज पर्याप्त मात्रा में नहीं है। राजधानी के शहरी स्वास्थ्य केंद्र और हमर अस्पतालों में एंटी रेबिज वैक्सीन का अभाव है, ऐसे में लोगों के निजी अस्पतालों से इंजेक्शन लगवाना पड़ रहा है।

 

रायपुर: प्रदेश में कुत्तों के काटने (डॉग बाइट) के मामले थम नहीं रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबिज वैक्सीन का टोटा लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। हालत यह है कि न तो सीजीएमएससी के पास स्टॉक है और न ही जिला अस्पतालों के पास डोज।

राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी सहित अधिकांश जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी स्वास्थ्य केंद्र और हमर अस्पतालों में एंटी रेबिज वैक्सीन का अभाव है। मजबूरी में मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर्स से महंगे दामों पर टीका खरीदना पड़ रहा है।

जिला औसत दैनिक मरीज उपलब्ध एंटी-रेबीज डोज
रायपुर 50 रोज 60 डोज
दुर्ग 70 रोज 200 डोज
बिलासपुर 25 रोज 230 डोज
महासमुंद 35 रोज 110 डोज
बेमेतरा 30 रोज 80 डोज
जगदलपुर 24 रोज 19,200 डोज
कांकेर 15 रोज 700 डोज

रोजाना 50–60 नए डॉग बाइट के केस, वैक्सीन सिर्फ एक अस्पताल में

रायपुर में अब भी रोज 50 से 60 नए डॉग बाइट के मरीज आ रहे हैं, लेकिन अंबेडकर अस्पताल को छोड़कर किसी भी सरकारी अस्पताल में वैक्सीन नहीं है। मरीजों को निजी अस्पतालों और मेडिकल दुकानों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

दुर्ग में रोज 70 मरीज, डोज सिर्फ 200

दुर्ग जिले में प्रतिदिन करीब 70 मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि जिले में केवल 200 डोज शेष हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी मानते हैं कि यह ऊंट के मुंह में जीरे जैसा स्टॉक है, जो कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगा

रायपुर के हर अस्पताल में वैक्सीन गायब

जिला अस्पताल पंडरी

नईदुनिया टीम मंगलवार को जिला अस्पताल पंडरी के इंजेक्शन कक्ष पहुंची, तो वहां रेबिज वैक्सीन के लिए मरीजों की पूछताछ लगातार जारी थी। टीम ने जब स्टॉफ से टीका लगाने की बात कही, तो उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से एंटी रेबिज वैक्सीन का स्टाक खत्म है। आपूर्ति कब होगी, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। कई मरीज रोज लौट रहे हैं और कुछ निजी मेडिकल से महंगा टीका खरीदने मजबूर हैं।

हमर अस्पताल मठपुरैना

नईदुनिया टीम जब हमर अस्पताल मठपुरैना पहुंची, तो इंजेक्शन रूम के बाहर मरीजों की भीड़ थी। एक व्यक्ति एंटी रेबिज का टीका लगवाने आया था, लेकिन स्टॉफ ने बताया कि अस्पताल में अब सिर्फ 20 डोज शेष हैं। उनका कहना था कि ये डोज अधिकतम दो दिन में खत्म हो जाएंगे। पिछले सप्ताह से ही अस्पताल में वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है और मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।

हमर अस्पताल भाठागांव

टीम हमर अस्पताल भाठागांव पहुंची। यहां भी नजारा कमोबेश वही था। इंजेक्शन कक्ष में मौजूद नर्स ने बताया कि एंटी रेबिज वैक्सीन का स्टॉक पूरी तरह समाप्त हो गया है। मरीजों को मजबूरी में आंबेडकर अस्पताल भेजा जा रहा है। नर्स ने कहा कि कई लोग रोज लौट जाते हैं, क्योंकि वहां भी कतार लंबी है। अस्पताल प्रशासन ने ऊपर वैक्सीन की मांग भेजी है, पर अब तक आपूर्ति नहीं हुई।

खोखो पारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र

खोखो पारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर ने स्पष्ट कहा कि पिछले एक सप्ताह से एंटी रेबिज वैक्सीन का स्टॉक नहीं है। मरीज आते हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि वैक्सीन की नई खेप की मांग भेज दी गई है, पर सप्लाई में देरी हो रही है। कई मरीज निजी क्लिनिक या मेडिकल से ऊंचे दामों पर टीका खरीदने को विवश हैं।

 

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