8th Pay Commission: सैलरी तो बढ़ेगी, लेकिन डीए हो जाएगा जीरो? जानें कर्मचारियों पर क्या होगा असर
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर है. 8वें वेतन आयोग को मंजूरी मिल गई है, जिससे वेतन ढांचे में अहम बदलाव के संकेत हैं. नए फॉर्मूले में सैलरी बढ़ने की उम्मीद तो है, लेकिन डीए से जुड़ा बदलाव कर्मचारियों को चौंका सकता है.
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी है. हाल ही में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है. इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन संरचना में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
इस आयोग की अगुवाई जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई करेंगी. वेतन आयोग अगले कुछ महीनों में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा. इससे पहले यह आयोग कर्मचारियों, पेंशनर्स और अन्य संबंधित पक्षों से बातचीत कर उनकी राय भी लेगा.
फिटमेंट फैक्टर से तय होगी सैलरी बढ़ोतरी
हर वेतन आयोग की तरह इस बार भी फिटमेंट फैक्टर सैलरी तय करने में सबसे अहम भूमिका निभाएगा. इसे आसान भाषा में समझें तो फिटमेंट फैक्टर वह संख्या है जिससे पुराने बेसिक वेतन को गुणा कर नया बेसिक तय किया जाता है. ब्रोकरेज हाउस कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ और एम्बिट कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.8 से 2.46 के बीच रह सकता है.
कोटक ने अनुमान लगाया है कि अगर 1.8 का फैक्टर लागू हुआ, तो लेवल-1 कर्मचारियों (जैसे चपरासी या अटेंडेंट) का बेसिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 32,400 रुपये हो सकता है. हालांकि ये 80% की बड़ी बढ़ोतरी लगती है, लेकिन असली इजाफा इससे कम होगा क्योंकि नया वेतन लागू होने पर महंगाई भत्ता (DA) को शून्य यानी जीरो कर दिया जाएगा.
DA रीसेट होकर जीरो होगा?
वर्तमान में लेवल-1 कर्मचारियों को 58% DA और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सहित कुल मिलाकर करीब 29,000 रुपये मिलते हैं. जब DA रीसेट होकर जीरो होगा, तब उनकी बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी यानी अब DA अलग से नहीं मिलेगा, बल्कि वेतन का हिस्सा बन जाएगा. इससे कर्मचारियों की नेट सैलरी में कमी नहीं आएगी, बल्कि वेतन का ढांचा मजबूत होगा. नया बेसिक वेतन बढ़ने से HRA, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और भविष्य की पेंशन जैसी चीजें भी उसी के आधार पर तय होंगी.
पेंशनर्स को भी मिलेगा फायदा
वेतन आयोग की सिफारिशें केवल नौकरीपेशा कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेंगी. पेंशनर्स की पेंशन भी नए बेसिक पे के आधार पर री-कैलकुलेट की जाएगी. इसका मतलब है कि जब बेसिक वेतन बढ़ेगा, तो पेंशन की राशि भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगी.
कर्मचारियों के लिए क्या बदल जाएगा
DA को जीरो करने का मतलब यह नहीं कि कर्मचारियों की कमाई घटेगी. फर्क बस इतना होगा कि जो रकम पहले DA के रूप में अलग मिलती थी, वह अब बेसिक वेतन में शामिल हो जाएगी. इससे न केवल हर महीने की सैलरी स्ट्रक्चर मजबूत होगी, बल्कि भविष्य में मिलने वाली इंक्रीमेंट और पेंशन भी अधिक होगी.

