मुंबई के स्टूडियो में बच्चों को बंधक बनाने वाले शख्स की पुलिस फायरिंग में मौत
मुंबई के पवई स्थित आरए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी रोहित आर्य की पुलिस की गोली लगने से अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने बाथरूम के रास्ते अंदर घुस कर सभी बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया था। आरोपी को अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
मुंबई के पवई स्थित आरए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी रोहित आर्य की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई। इससे पहले गुरुवार को रोहित ने ऑडिशन के लिए आए बच्चों को बंधक बना लिया था। पुलिस ने उससे बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी। फिर पुलिस बाथरूम के रास्ते अंदर घुसी और सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया।शुरुआत में मुंबई पुलिस के हवाले से यह जानकारी सामने आई थी कि आरोपी को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। हालांकि, कुछ ही देर बाद यह खबर आई कि आरोपी रोहित आर्य की गोली लगने से मौत हो गई है।
बंधकों को बचाते वक्त गोली चली थी
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने बंधकों को बचाते वक्त आरोपी पर गोली चलाई थी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एचबीटी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। फिलहाल उसका शव जेजे अस्पताल भेजा गया है, जहां शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
बंधक बनाने वाले ने कहा था- उकसाया तो आग लगा दूंगा
बताया जा रहा है कि आरोपी रोहित आर्य स्टूडियो में ही काम करता था। उसने एक वीडियो भी जारी किया था। इसमें उसने धमकी दी थी, ”मैं रोहित आर्य। मैंने आत्महत्या करने की जगह एक प्लान बनाया और कुछ बच्चों को यहां बंधक बनाया। मेरी कुछ ज्यादा मांगें नहीं हैं। मेरी कुछ नैतिक मांगें हैं। कुछ लोगों से सवाल पूछने हैं। मुझे उनके जवाब चाहिए। न मैं आतंकी हूं, न मेरी पैसों की कोई मांग है। मुझे आसानी से बात करनी है, इसी के लिए बच्चों को बंधक बनाया है। अगर जिंदा रहा तो मैं यह करूंगा, लेकिन होगा जरूर। आपकी तरफ से एक छोटा सा कदम मुझे उकसा देगा और मैं पूरी जगह को आग लगाकर मर जाऊंगा। इससे बच्चों को बेवजह नुकसान होगा, वे निश्चित तौर पर डर जाएंगे। इसका जिम्मेदार मुझे न माना जाए। मैं सिर्फ बात करना चाहता हूं। मैं अकेला नहीं हूं, मेरे साथ कई सारे लोग हैं, जिन्हें परेशानियां हैं।”
बंधकों में 17 बच्चे थे, बाथरूम के रास्ते घुसी पुलिस
मुंबई पुलिस को अभिभावकों की तरफ से गुरुवार दोपहर 1:45 बजे फोन आया था। पुलिस ने पहले आरोपी से बातचीत की कोशिश की। जब बात नहीं बनी, तो पुलिस बाथरूम के रास्ते अंदर घुसी। बताया जा रहा है कि बंधकों में 17 बच्चे थे। इनके अलावा दो और लोग थे, जिनमें एक बुजुर्ग भी शामिल थे। ये सभी अब सुरक्षित हैं। रोहित बार-बार बच्चों को मारने की की धमकी दे रहा था। उसके पास कुछ केमिकल थे, जिसके कारण वो आग लगाने की बात कह रहा था। पुलिस को मौके से एयर गन और कुछ केमिकल्स मिले हैं। फिलहाल फॉरेंसिक टीम सबूतों की जांच में जुटी है।
क्या करता था रोहित आर्य?
रोहित आर्य पुणे का रहने वाला व्यक्ति था।वो चैंबूर स्थित अन्नपूर्णा इमारत में रहता था। वो एक ठेकेदार था। निर्माण कार्य और सरकारी प्रोजेक्ट्स से जुड़ा काम करता था। जानकारी के मुताबिक, उसे एक सरकारी स्कूल के काम का टेंडर मिला था, लेकिन उसका दावा था कि किए गए काम के करीब दो करोड़ रुपये का भुगतान अब तक नहीं मिला। इस बकाया राशि को लेकर वह लंबे समय से परेशान था और कई बार प्रदर्शन भी कर चुका था। इसके बावजूद जब उसकी बात नहीं सुनी गई। कहा जा रहा है कि उसने इसी कारण बच्चों को बंधक बनाया था।
मामले में क्या बोले सीएम फडणवीस?
घटना के बारे में जब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जल्द ही मामले की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। वहीं, पुलिस का कहना है कि यह एक चुनौतीपूर्ण अभियान था, क्योंकि हम उससे बिना किसी सकारात्मक नतीजे के बातचीत कर रहे थे। बच्चों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता थी।

